Karl Marx Biography In Hindi, karl marx theory in hindi, कार्ल मार्क्स की पुस्तकों के नाम, Karl Marx कौन है, कार्ल मार्क्स का जीवन परिचय-
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क्योकि दोस्तों आज के युग में कार्ल मार्क्स का जीवन परिचय ज्यादातर लोग जानना चाहते है तो अगर आप कार्ल मार्क्स का पूरा जीवन परिचय जानना चाहते है तो Karl Marx Biography In Hindi के इस आर्टिकल में अंत तक बने रहे जिससे आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो
Karl Marx कौन है | Karl Marx Biography in Hindi?
कार्ल मार्क्स एक जर्मन फिलोसोफर, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, इतिहासकार और क्रांतिकारी समाजवादी थे। वे 5 मई 1818 को जर्मनी के ट्रियर में जन्मे थे। मार्क्स ने बर्लिन और बोन के विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया था और बाद में फ्रेंच उतोपियन समाजवादी चार्ल्स फूरियर के सोशलिस्ट विचारों में रुचि लिया था।
मार्क्स को उनके कैपिटलिज्म और श्रमिक वर्ग के शोषण के संबंध में उनके विचारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह भी विश्वास किया था कि कैपिटलिज्म अपनी खुद की विध्वंस होगी और एक समाजवादी समाज इसे बदल देगा जहाँ श्रमिकों के पास उत्पादन और वितरण का माध्यम होगा। मार्क्स के सिद्धांतों ने विश्वभर में समाजवादी और कम्युनिस्ट राजनीतिक आंदोलनों का जन्म दिया।
मार्क्स की सबसे प्रसिद्ध रचनाएं में “कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो” (1848) और “कैपिटल” (1867-1894) शामिल हैं, जिसमें उन्होंने वर्ग संघर्ष, ऐतिहासिक शारीरिकवाद और मूल्य के श्रम सिद्धांत के अपने सिद्धांतों को रखा। मार्क्स की मृत्यु 14 मार्च, 1883 को लंदन, इंग्लैंड में हुई, जहाँ वे अपने बाद के जीवन के लिए निर्वासन में रहे थे।
कार्ल मार्क्स का जीवन परिचय?
पूरा नाम | कार्ल,हेनिरीच मार्क्स |
जन्म | 5 मई 1818 |
जन्म स्थान | जर्मनी में ट्राईयेर,रहेनिश प्रुशिया |
पेशा | दार्शनिक, क्रांतिकारी, राजनीतिज्ञ, बुद्धिजीवी, अर्थशास्त्री, पत्रकार, इतिहासकार, समाजवादी |
राजनीतिक पार्टी | सोश्यलिस्ट रिवोल्यूशनरी |
अन्य राजनीतिक पार्टी से संबंध | इंटरनेट पर कोई जानकारी मौजूद नहीं? |
राष्ट्रीयता | जर्मनी |
उम्र | 64 वर्ष |
गृहनगर | ट्रायर,प्रुशिया |
धर्म | इंटरनेट पर कोई जानकारी मौजूद नहीं? |
बच्चे | 7 बच्चे |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
राशि | इंटरनेट पर कोई जानकारी मौजूद नहीं? |
कार्ल मार्क्स एक जर्मन फिलोसोफर, समाजशास्त्री, इतिहासकार, अर्थशास्त्री और क्रांतिकारी समाजवादी थे। वे 5 मई 1818 को जर्मनी के ट्रियर शहर में जन्मे थे। मार्क्स के पिता हरेकलेस देश के धार्मिक उपदेशक थे। मार्क्स का बचपन और शैक्षणिक जीवन बौद्धिक परिवर्तनों की एक दशकीय उछल की थी।
मार्क्स ने विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और उन्होंने अपने शिक्षा कार्य के दौरान अपने बहुत से साथियों से मिले। उन्होंने बर्लिन और बोन के विश्वविद्यालयों से अपनी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने फिर फ्रांस के समाजवादी चार्ल्स फूरियर के विचारों से परिचित हुए जिसने उनकी जिंदगी और विचारधारा पर बहुत प्रभाव डाला।
मार्क्स को उनकी कैपिटलिज्म और श्रमिक वर्ग के शोषण के संबंध में उनके विचारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह भी विश्वास किया था कि कैपिटलिज्म अपनी खुद की विध्वंस होगी और एक समाजवादी समाज इसे बदल देगा उन्होंने बर्लिन और बॉन के विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया, जहाँ उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की।
इसके बाद मार्क्स ने फ्रांसीसी समाजवादी चार्ल्स फूरियर के समाजवादी विचारों में दिलचस्पी लेते हुए दर्शन और इतिहास पर अपना ध्यान केंद्रित करना शुरू किया। मार्क्स पूंजीवाद और श्रमिक वर्ग के शोषण पर अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं।उनका मानना था कि पूंजीवाद आत्म-विनाश के लिए अभिशप्त था और एक समाजवादी समाज अंततः इसे बदल देगा।
उन्होंने तर्क दिया कि किसी उत्पाद का मूल्य आपूर्ति और मांग द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य के बजाय इसे बनाने वाले श्रम पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने निजी व्यक्तियों या निगमों के बजाय श्रमिकों को उत्पादन के साधनों को नियंत्रित करने की भी वकालत की। मार्क्स की सबसे प्रसिद्ध कृति “दास कैपिटल” है, जिसे उन्होंने कई वर्षों की अवधि में लिखा और 1867 में प्रकाशित किया।इस पुस्तक में उन्होंने पूंजीवाद और मजदूर वर्ग के शोषण के अपने सिद्धांतों को रखा।
दुनिया भर में समाजवादी और साम्यवादी आंदोलनों के विकास में मार्क्स के विचार अत्यधिक प्रभावशाली थे। हालाँकि, उनके सिद्धांतों की उनकी क्रांतिकारी प्रकृति और विभिन्न देशों में उनके द्वारा प्रेरित हिंसक क्रांतियों के लिए भी आलोचना की गई थी। मार्क्स की मृत्यु 14 मार्च, 1883 को लंदन, इंग्लैंड में हुई। उनके विचारों का अध्ययन और बहस आज भी जारी है, और वे आधुनिक इतिहास के सबसे प्रभावशाली विचारकों में से एक हैं।
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Karl Marx का जन्म कहाँ हुआ?
कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई, 1818 को प्रसिद्ध शहर ट्रियर (Trier) में जर्मनी में हुआ था। ट्रियर उत्तरी जर्मनी में फ़्रांसीसी सीमा के पास स्थित है।
Karl Marx शारीरिक जानकारी?
कार्ल मार्क्स की ऊंचाई लगभग 5 फीट 9 इंच थी। उनका वजन लगभग 70 किलोग्राम था। उनके शरीर का निर्माण मुख्य रूप से दुर्बल था, लेकिन उन्हें शारीरिक शक्ति की कमी की वजह से अपनी ज़िम्मेदारियों से विवश नहीं होना पड़ा। उन्होंने अपने शारीरिक रूप के बारे में अपने दोस्तों को भी उपहास करते हुए कहा था कि वे अपने दोस्तों से आशा करते हैं कि उन्हें उनकी बुद्धि की ज़रूरत है, न कि शारीरिक शक्ति की।
कार्ल मार्क्स की पत्नी, परिवार?
पिता | हेईनरिच मार्क्स |
माता | हेनरीएट प्रिजबर्ग |
पत्नी | जेनी वोन वेस्टफलेन |
पुत्री | एलेनर मार्क्स, लौरा मार्क्स, जेनी मार्क्स लोंग्युएट, हेलेन डेम्युथ, जेनी एवेलिन फ्रांसिस मार्क्स |
पुत्र | एडगर मार्क्स |
कार्ल मार्क्स की पत्नी का नाम जोहाना बर्जेस था जो एक जर्मन चिकित्सक थी। वे दो बेटों के पिता थे – एगोन और लार्ल जो दोनों फ्रांस में जन्मे थे। मार्क्स के परिवार में उनके पिता हाइनरिक मार्क्स, माता हेनरिएट और तीन बहनें थीं। उनका जन्म जर्मनी के त्रीयर शहर में हुआ था जहां वे अपनी बचपन की जिंदगी बिताये थे।
उनके परिवार में एक धार्मिक और आध्यात्मिक सलाहकार थे। मार्क्स के विचारों के संबंध में, उन्होंने विश्व इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उनकी राजनैतिक और आर्थिक विचारधारा ने आधुनिक समाजवाद और कम्यूनिज्म को प्रभावित किया है।
Karl Marx शिक्षा?
कार्ल मार्क्स की शिक्षा का आरंभ उनके पिता हाइनरिक मार्क्स के नेतृत्व में हुआ था। वे उन्हें अपने घर ही में शिक्षा देते थे 1841 तक, मार्क्स बॉन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते थे, जहां उन्होंने फिलॉसफी और इतिहास की शिक्षा प्राप्त की। वे अपने पढ़ाई में बहुत आगे थे और उन्होंने इस समय भाग लिया था
जब यूनिवर्सिटी में एक अध्ययन गट बनाया गया था, जो फ्रेंच फिलॉसफर फायरबाक के आवासीय शिष्यों की निर्देशिका में था। बाद में, उन्होंने बर्लिन यूनिवर्सिटी में अपनी शिक्षा जारी रखी, जहां वे लॉ और इतिहास में अध्ययन करते थे। इस समय कार्ल मार्क्स ने बहुत से ऐसे शोध और लेख लिखे थे जो बाद में उनके सोशलिस्ट और कम्यूनिस्ट विचारधारा को बनाने में मदद करते थे।
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कार्ल मार्क्स के करियर की शुरुआत?
कार्ल मार्क्स का करियर उनकी शिक्षा के बाद शुरू हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआत न्याय और लॉ फील्ड में की, लेकिन बाद में उन्होंने दरअसल इस फील्ड को छोड़ दिया और फिर से अपने प्रिय क्षेत्र फिलॉसफी में लौट आए। 1842 में, उन्होंने “राखल और राखीत” के नाम से एक अपराध पत्रिका के लेखक के रूप में अपनी करियर शुरू की। इस पत्रिका में वे दलितों और किसानों के हक की बात करते थे।
उन्होंने इसके अलावा अन्य पत्रिकाओं में भी लेख लिखे जो समाजवाद और कम्यूनिज्म की विचारधारा को बताते थे। 1848 में, उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक “कम्युनिस्ट पार्टी का मनिफेस्टो” का लेखन किया, जो समाजवाद और कम्युनिज्म की विचारधारा को लोगों के बीच प्रसारित करने में मदद करने वाली सबसे महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक थी। कार्ल मार्क्स ने भी जर्मनी के न्यायपालिका में काम किया था और वे अपने अध्ययनों को जारी रखते रहे थे।
कार्ल मार्क्स पसंदीदा क्या है?
कार्ल मार्क्स की पसंदीदा चीजें और गतिविधियों की एक सूची निम्नलिखित है:
- रचनात्मक लेखन
- फिलॉसोफी
- इतिहास और सामाजिक विज्ञान
- गंभीर वाद-विवाद और विचारों का विस्तार
- शेक्सपियर के नाटक
- बीथोवन की संगीत
- सैंट आगस्टिन, लुथर और शेली जैसे विचारकों के विचार
- जर्मन संस्कृति और जर्मन भाषा
- इसके अलावा, कार्ल मार्क्स को अपनी फैमिली, अपनी पत्नी और अपने मित्रों के साथ वक्त बिताना भी बहुत पसंद था।
कार्ल मार्क्स की अन्य रचनाएं?
कार्ल मार्क्स की अन्य रचनाएँ निम्नलिखित है
- द सिविल वॉर इन फ्रैंस
- इनऑर्गेरल एड्रेस टू द इंटरनेशनल वर्किंग मैन एसोसिएशन
- द क्रिटिक्यू ऑफ पॉलिटिकल इकॉनोमी
- द पॉवर्टी ऑफ फिलोसिफी (1847),
- द गोथा प्रोग्राम,
- द जर्मन आइडियोलॉजी
- क्लास-स्ट्रर्गल इन फाइनेंस
- द होलली फैमिली
कार्ल मार्क्स की पुस्तकों के नाम?
कार्ल मार्क्स की कुछ प्रमुख पुस्तकें हिंदी में translate हैं
- “कम्युनिस्ट पार्टी का मनिफेस्टो” (The Communist Manifesto)
- “दास कपितल” (Das Kapital)
- “दर्पण तर्क” (The Mirror of Logic)
- “अर्थशास्त्र के गोत्रों का विस्तृत अध्ययन” (A Detailed Study of Economic Genealogies)
- “दर्पण लोगिक” (The Mirror of Logic)
- “दर्पण फिलोसोफी” (The Mirror of Philosophy)
- “दर्पण अवधारणा” (The Mirror of Concept)
- “आदमी, तरीका और समाज” (Man, Method, and Society)
ये कार्ल मार्क्स की कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं जिनका हिंदी में अनुवाद किया गया है।
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कार्ल मार्क्स Social media Accout
कार्ल मार्क्स के समाजवादी विचारों और सोशलिज्म के उनके समृद्ध विचारधारा के बावजूद, उनके पास किसी सोशल मीडिया खाते का कोई जिक्र नहीं है। उनकी विचारधारा और उनकी लेखनी दुनिया भर के लोगों तक पहुंचती है।
कार्ल मार्क्स से जुड़े रोचक तथ्य?
कुछ दिलचस्प तथ्य कार्ल मार्क्स के जीवन से जुड़े हैं:
- उनकी मां हेनरिएटा उन्हें यह कहती थी कि “जब तुम बड़े हो जाओगे, तो दुनिया को बदलने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना।”
- कार्ल मार्क्स एक उच्च श्रेणी के शिक्षित परिवार से थे। उनके पिता हरेक मार्क्स एक वकील थे और उन्होंने ज्ञान के क्षेत्र में बहुत से काम किए थे।
- कार्ल मार्क्स और फ्रेड्रिक एंगेल्स, जो बाद में उनके दोस्त बन गए, उनकी सहायता के लिए एक अरब रुपये जमा करने के लिए एक ही बैंक खाते में पैसे जमा करते थे।
- उनकी बेटी ईलीन बातों में खूबसूरत थी और उन्होंने एक समय नाटककार गुस्ताफ एफ्रेंड रायन को उसे अपनी नाटकों में रोल करने के लिए चुना था।
- उनकी मृत्यु के बाद, उनके ज्येष्ठ पुत्र लाउरेंस ने अपने पिता की कुछ पुस्तकों को प्रकाशित किया और सोशलिस्ट विचारधारा की लोकप्रियता में भी बढ़ोतरी की।
- उन्होंने एक किताब लिखी थी जिसका नाम “डास कैप” था
कार्ल मार्क्स की मृत्यु कब और कहाँ हुयी थी
कार्ल मार्क्स की मृत्यु 14 मार्च, 1883 को लंडन, इंग्लैंड में हुई थी।
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लोगो ने यह भी पूछा- (FAQ)
Q. कार्ल मार्क्स ने धर्म को क्या कहा है?
Q. कार्ल मार्क्स का दूसरा नाम क्या है?
कार्ल मार्क्स का दूसरा नाम कार्ल हेनरिख मार्क्स था
निष्कर्ष:-
तो दोस्तों आशा करते है आपको Karl Marx Biography In Hindi का यह आर्टिकल काफी पसंद आया होगा क्योकि हमने आपको Karl Marx से जुडी सभी जानकारी को बताया है अगर इस पोस्ट से आपको कुछ सीख मिली हो तो इसे अपने दोस्तों और अन्य सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे जिससे यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंच सके और उनका भी ज्ञान बढे यदि आपके मन में Karl Marx से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो कमेंट जरूर करे| धन्यबाद दोस्तों
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