Maharishi Valmiki Biography In Hindi | महर्षि का जीवन परिचय?

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शायद ही कोई ऐसे लोग होंगे, जिन्होंने महर्षि वाल्मीकि जी के बारे में नहीं सुना होगा। जी हां आज के समय में हर कोई महारिषि वाल्मीकि जी के बारे में थोड़ा थोड़ा जानते होंगे। तो क्या आप भी महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते हैं, यदि हां तो उसके लिए आपको हमारे आज के लेख को अंत तक पढ़ने की आवश्यकता होगी।

क्योंकि आज के लेख में मैं आप सभी को Maharishi Valmiki Biography in Hindi से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाला हूं। इसलिए आपको हमारे आज के इस पोस्ट के अंत तक बने रहने की आवश्यकता होगी। तो चलिए अब सबसे पहले हम महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन के बारे में जान लेते है। जो कि इस प्रकार है

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महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन परिचय | Maharishi Valmiki Biography in Hindi

अन्य नाम रत्नाकर
पिता प्रचेता
धर्म हिंदू धर्म
माता वाल्मीकि जी का माता का कोई वर्णन नहीं है।
आंदोलन वाल्मीकिवाद नामक धार्मिक आंदोलन वाल्मीकि शिक्षाओं पर आधारित है।
के लिए जाना जाता है। रामायण
महोत्सववाल्मीकि दिवस
सम्मान आदि कवि, भगवान, त्रिकारदर्शी, गुरुदेव और महर्षि

महर्षि वाल्मीकि का जन्म और शुरुआती जीवन | Maharshi Valmiki Personal Biodata in Hindi

महर्षि वाल्मीकि प्रचेता ऋषि के बेटे थे, जो अपने आश्रम में बच्चों को शिक्षा देते थे। वाल्मीकि के असली नाम की बात की जाएं, तो इनका असली नाम रत्नाकर था। एक रोज की बात है जब वाल्मीकि जी अपने मित्रों के साथ जंगल में जाते हैं। तभी उसी दौरान महर्षि वाल्मीकि जी जंगल में ही खेलते खेलते गुम हो जाते है यानी वे अपना रास्ता भटक जाते है।

उस वक्त वाल्मीकि जी काफी छोटे थे। जब वाल्मीकि जी को रास्ता नहीं मिलता है तब वे वही जंगल में बैठ कर रोने लगे। तभी वाल्मीकि जी को एक शिकारी अपने घर लेकर जाता है और उनका पालन पोषण करता है। ऐसा कहा जाता है कि वह शिकारी बिल्कुल अपने बेटी की तरह ही वाल्मीकि जी का भी पालन पोषण करता है।

जब वाल्मीकि जी बड़े हुए तो उनकी शादी कर दी गई और उनके 3 पुत्र होते हैं। वाल्मीकि जी की अपने पिता की तरह ही अपने बच्चों का पालन पोषण करने के लिए शिकार किया करते थे। हालांकि कुछ दिनों तक शिकार करके काफी अच्छे से अपना घर चला लिया करते थे। लेकिन जब उन्हें शिकार करने में समस्या होती थी और उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करने में परेशानी आती थी।

तब वह शिकार के बदले अपने परिवार को बिना बताए डकैती करने की शुरुआत भी कर दिए थे। इसी तरह एक दिन डकैती करते करते हैं वाल्मीकि जी नारद मुनि को ही लूटने चले गए। लेकिन जब नारद मुनि जी ने वाल्मीकि जी को उनके पापों के बारे में समझाया कि वह गलत कर रहे हैं और वह अपने साथ ही साथ अपने परिवार को भी इसका भागी बना रहे हैं। तब जाकर वाल्मिकी जी को समझ में आया कि उनसे कितनी बड़ी गलती हो रही है।

हालांकि यह सवाल वाल्मीकि जी अपने परिवार से भी पूछते हैं कि क्या वे भी मेरे पाप में भागीदार बनेंगे, तो परिवार के हर सदस्य ने इससे साफ इंकार कर दिया। तब वाल्मीकि जी नारद मुनि के पास जाते हैं। हालांकि वाल्मीकि जी को अपनी गलतियों का एहसास हो जाता है और वह समझ जाते हैं कि उनसे कितनी बड़ी भूल हो रही थी।

तो वह अपना पछतावा दिखाते हुए नारद मुनि जी के पास जाते हैं, तब उन्हें नारद मुनि जी ने उनसे राम नाम का जाप करने के लिए कहते हैं। परंतु वाल्मीकि जी को राम बोलने नहीं आता था। यह देखकर नाम मूवी जींस वाल्मीकि जी को एक सलाह देते हैं और उन्हें राम के बदले मार बोलने के लिए कहते हैं।

वाल्मीकि जी के कई वर्षों तक मार शब्द बोलते बोलते 1 दिन राम शब्द मुंह से निकल ही जाता है। जिसके पश्चात वाल्मीकि जी आने को ज्ञान प्राप्त करते हैं। तो कुछ इस प्रकार एक डकैत से वाल्मीकि बनने का सफर समाप्त होता है। तो चलिए अब हम जान लेते हैं कि वाल्मीकि जी और राम जी का मिलन कैसे होता है।

भगवान राम जी और वाल्मीकि जी की मुलाकात

क्या आप भी जानना चाहते हैं कि भगवान राम जी और वाल्मीकि जी की मुलाकात कैसे होती है, यदि हां तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि भगवान राम जी और वाल्मीकि जी का मुलाकात वाल्मीकि जी के आश्रम में होती है। दरअसल, राम जी वनवास कार्य में के दौरान वाल्मीकि जी से मिलने के लिए सीता मां और लक्ष्मण के साथ उनके आश्रम में जाते हैं।

रामायण के लेखक वाल्मीकि जी

जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि रामायण वाल्मीकि जी के द्वारा लिखी गई है। महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा लिखे गए रामायण में कुल 24 हजार श्लोक और सात सर्ग उपलब्ध है। इसके साथ ही आप सभी की जानकारी के लिए बता दूं कि रामायण में कुल मिलाकर 480,002 वर्ड है। भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित रामायण है। हिंदू धर्म में रामायण ग्रंथ को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है।

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लोगो ने यह भी पूछा- (FAQ)

Q1. महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म कब और किस युग में हुआ था?

महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म आज से हजारों सालों पहले त्रेता युग में हुआ था।

Q2. महर्षि वाल्मीकि जी का नाम वाल्मीकि कैसे रखा गया?

क्या आप जानते है कि महर्षि वाल्मीकि जी का नाम वाल्मीकि कैसे रखा गया, यदि नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि इनका नाम दिव्य ज्ञान प्राप्त करने बाद रखा गया था।

Q3. महर्षि वाल्मीकि के माता पिता का क्या नाम था?

क्या आप वाल्मीकि जी के माता पिता के बारे में जानते है, यदि नहीं तो आपको बता दूं कि वाल्मीकि जी के पिता का नाम प्रचेता था और वही वाल्मीकि जी के माता के बारे में कही भी वर्णन नहीं किया गया है।

Q4. महर्षि वाल्मीकि जी की पत्नी कौन थी?

यदि हम महर्षि वाल्मीकि जी की पत्नी के बारे में बात करें, तो इनकी पत्नी के बारे में कही भी वर्णन नहीं किया गया है।

Q5. क्या महर्षि वाल्मीकि डाकू थे?

जी हां, शुरुआत में वाल्मीकि अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए डकैती किया करते थे। हालांकि, आज के लेख में मैंने आप सभी को वाल्मीकि जी डकैत कैसे बनें इसके बारे में जानकारी साझा किया है।

Q6. आखिर किस राज्य में वाल्मीकि जी का आश्रम स्थित था?

दरअसल, उत्तरप्रदेश राज्य में वाल्मीकि जी का आश्रम स्थित था।

Q7. किस नदी के किनारे वाल्मीकि जी का आश्रम बसा हुआ था?

हिंडन नदी के किनारे वाल्मीकि जी का आश्रम बसा हुआ था।

Q8. महर्षि वाल्मीकि के गुरु जी का नाम क्या था?

महर्षि वाल्मीकि जी के गुरु जी का नाम कही भी वर्णन नहीं किया गया हैं।

Q9. महर्षि वाल्मीकि जी को बचपन में किस नाम से बुलाया जाता था?

बचपन में महर्षि वाल्मीकि जी को रत्नाकर के नाम से बुलाया जाता था।

Q10. पहले वाल्मीकि जी क्या किया करते थे?

पहले वाल्मीकि जी डकैत किया करते थे।

निष्कर्ष

आशा करता हूं कि आपको हमारा Maharishi Valmiki Biography in Hindi का यह पोस्ट पसंद आया होगा। क्योंकि आज के लेख में मैंने आप सभी को महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन परिचय से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया है। इसके साथ ही यदि आपको हमारे आज के इस महर्षि वाल्मीकि जी के जीवन परिचय से जुड़ी कोई सवाल पूछना हो, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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