दुर्लभ कश्यप की कहानी, दुर्लभ कश्यप की जाति, दुर्लभ कश्यप का घर, दुर्लभ कश्यप कैसे मरा –
हैलो दोस्तों आज के इस लेख में आप सभी का सवागत है। आज के इस लेख में हम durlabh kashyap biography in hindi में जानेंगे। साथ ही उसकी कहानी क्या थी,वह कैसे Gangster बना, वह कैसे अपराधों को अंजाम देता था, वह कैसे पकड़ा गया, और अन्य बहुत सी बाते जानेंगे। यह सब जान ने के लिए आपको इस लेख को अन्त तक पढ़ना होगा। तो चलिए जानते है कि कौन था durlabh kashyap?
Durlabh Kashyap कौन था –
नाम | दुर्लभ कश्यप |
उप नाम | कोहिनूर |
जन्मदिन | 8 नवंबर 2000 |
उम्र | 20 साल |
जन्म स्थान | नेदुमुडी, त्रावणकोर |
गृह नगर | उज्जैन, मध्य प्रदेश (भारत) |
पिता का नाम | मनोज कश्यप |
माता का नाम | पता नहीं है |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
जाति | ब्राह्मण जात |
लंबाई | 5 फूट 10 इंच |
आखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
मृत्यु | 7 सितंबर 2020 |
Durlabh Kashyap मध्य प्रदेश के एक उज्जैन जिले का रहने वाल इन्सान था। इसका जन्म 08 नवंबर 2000 को उज्जैन, मध्य प्रदेश में ही हुआ था। इसकी मृत्यु 07 सितंबर 2020 को हो गई थी। Kashyap अपराधों को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेता था। और वह फेसबुक नाम की सोशल मीडिया पर सुपारी लेता था।
हथियारों का काम, किसी को जान से मारने की धमकी देना, हत्या करने की कोशिश करना, आदि सब काम Kashyap करता था। उसने माथे पर काला टीका,आंखों में सुरमा लगाके, काली कुर्ती पहन के और कंधे पर काला गमछा डाल के अपनी एक अलग ही पहचान बना ली थी। धीरे धीरे करके उसने अपनी Gang बनाना शुरू करदी थी जिसमें काफी कम उम्र के युवा भी थे।
Durlabh Kashyap जीवाजीगंज के अब्दालपुरा निवासी मनोज कश्यप का पुत्र था। इनकी माता उज्जैन के क्षीरसागर क्षेत्र में एक स्कूल टीचर रह चुकी है और पिता मुंबई में नौकरी के बाद इंदौर शिफ्ट हो गए थे। Durlabh एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता था।
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दुर्लभ कश्यप का जीवन परिचय- Durlabh Kashyap Biography in hindi?
Durlabh Kashyap का जन्म 8 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ था। Durlabh ने 16 साल की उम्र से ही अपराध करना शुरु कर दिया था। Durlabh के पिता मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक है और इनकी माँ एक टीचर थी। वह अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।
Durlabh Kashyap एक हिस्ट्रीशीटर था। हिस्ट्रीशीटर वो शब्द होता है जो पुलिस द्वारा अपराधियों के लिए प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का प्रयोग उन अपराधियों के लिए किया जाता है जो बहुत सारे अपराधों में शामिल होते हैं।
उसने Facebook पर अपना एक अलग account बनाया था जिससे वो अपराधों को अंजाम देता था और लोगो को डराता और धमकाता था। “कोई विवाद होने पर मुझसे संपर्क करें।” यह उसने अपना Facebook Status लगाया था। Durlabh उज्जैन में बड़े-बड़े अपराधों को अंजाम करके दहशत फैलाता था।
Durlabh Kashyap कैसे बना Gangster-
वर्ष 2018 में Durlabh ने अपना Facebook account बनाया और ऐसे ऐसे पोस्ट करना शुरु कर दिए जिससे लोगों में बहुत दहशत फैलने लगा। उसी के दौरान पुलिस ने Durlabh समेत उसके 23 सदस्य को पकड़ लिया था।उनमें से कुछ लड़के नाबालिक भी थे। Durlabh ने बहुत ही कम उम्र में अपराधों को अंजाम देना शुरू कर दिया था।
फिर धीरे-धीरे करके उज्जैन में उसका आतंक शुरू होने लगा। किसी को पीटना, डराना, धमकाकर पैसे लूटना, अपहरण करना, फिरौती मांगना जैसे बहुत सारे अपराधो को वह अंजाम देता था। हर रोज़ पुलिस स्टेशन में Durlabh के नाम की F.I.R दर्ज होने लगी। पुलिस भी बहुत हैरान और परेशान थी।
Durlabh सोशल मीडिया का ही सहारा लेके अपराधों को अंजाम देता था और साथ ही साथ लोगों को अपनी Gang में जोड़ता था।Durlabh की Gang में 100 से भी ज़्यादा युवा थे।
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Durlabh Kashyap की Gang-
Durlabh ने अपने Facebook अकाउंट के माध्यम से बहुत सारे युवाओं को अपनी Gang में शामिल करना शुरु कर दिया। फेसबुक पर वह जो पोस्ट डालता था उसे देखकर युवा उससे बहुत ही ज़्यादा प्रभावित हो जाते थे और उसकी Gang से जुड़ जाते थे।
Durlabh Kashyap की Gang एक कंपनी की तरह काम करती थी। Gang का एक अपना स्टाइल और ड्रेस कोड था। इस Gang के सभी युवा माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा और कंधे पर काला गमछा रक्खा करते थे। और कभी कभी Gang के सभी युवा काला कपड़ा भी पहना करते थे। उज्जैन के सभी युवा पढ़ाई की चिंता ना कर के Durlabh की Gang से जुड़ रहे थे।Durlabh 2018 में केवल 17 वर्ष का था।
फिरौती मांगना, किसी को धमकाना, किसी को डराना, यहाँ तक के किसी को जान से मारने की धमकी देने जैसे अपराध Durlabh अपनी Gang से करवाया करता था।Durlabh की Gang में कम से कम 100 से भी ज़्यादा युवा जुड़े हुए थे। उसमें से काफी युवा नाबालिक भी थे।Durlabh बड़े बड़े अपराधों में अपने साथ नाबालिक युवाओं को शामिल करता था।
Durlabh की Gang की जानकारी पुलिस को मिलते ही तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने Durlabh की Gang का पर्दाफाश करके उसकी Gang के काफी युवाओं को गिरफ्तार कर लिया था।
Durlabh Kashyap की क्या है कहानी-
Durlabh Kashyap वसूली या फिर किसी के अपहरण की सुपारी अपने Facebook account के द्वारा ही लेता था। वो ऐसे ऐसे पोस्ट डालता था जिसे देखकर समाज के युवा जो घर समाज से परेशान थे Durlabh के फेन होना शुरू हो गए थे।धीरे-धीरे करके उज्जैन के बहुत सारे युवा उसकी Gang से जुड़ने लगे। और Durlabh सभी से अलग-अलग area में अपराध कर वाने लगा था।
उज्जैन में जब Durlabh की Gang की संखया बड़ी होने लगी व अपराध बढ़ने लगे तो उज्जैन के तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर को इस Gang के बारे में पता चला। पुलिस को Gang के बारे में पता चलता ही पुलिस ने Durlabh की gang से काफी युवाओं को हिरासत में ले लिया। उनमे से काफी सारे युवा नाबालिक भी थे।
उज्जैन के तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने जब दुर्लभ को हिरासत में लिया था तो उससे एक बात कही थी की “तुमने बहुत ही कम उम्र में बहुतों से दुश्मनी मोल ले ली है, जेल में रहेगा तभी सुरक्षित रहेगा”। दुर्लभ जेल में था पर उसकी गैंग अभी भी अपने काम कर रही थी।
लेकिन धीरे-धीरे करके उसके सारे साथियों की ज़मानत हो गई और कुछ समय बाद Durlabh भी जेल से बाहर आ गया। Lockdown के दौरान Durlabh इंदौर चला गया था और Lockdown हट ते ही वह वापस उज्जैन आ गया था।
Lockdown के बाद उसके उज्जैन आते ही उसके दुशमन उसका इन्तज़ार कर रहे थे। और 7 सितंबर 2020 को गैंगवार के हमले में उसकी मृत्यु हो गई थी।
Durlabh Kashyap अपराधों को कैसे अंजाम देता था-
Durlabh Kashyap के सभी अपराधो का मुख्य ज़रिया सोशल मीडिया था। वह अपने फेसबुक अकाउंट और व्हाट्सएप के ज़रिए अपने अपराधों को अंजाम देता था। वह अपने Facebook पोस्ट के ज़रिए हफ्ता वसूली, लूटपाट और सुपारी लेता रहता था।
उज्जैन में कम उम्र के युवा उसे बहुत पसंद करते थे।उसने अपनी Gang में धीरे धीरे 100 से भी ज़्यादा युवाओं को रख लिया था। Durlabh ने और साथ ही साथ उसकी Gang ने पूरे शहर में अपना आतंक फैला दिया था। सभी लोग उसका नाम सुनते ही कांपने लगते थे।
इसी के चलते उसने बहुत सारे दोस्त तो बनाए लेकिन उससे भी ज़्यादा दुशमन बना लिए थे। सब दुश्मनों में उसके सबसे बड़े दुश्मन शाहनवाज और शादाब गैंग के लोग थे। इसी Gang के लोगों ने Durlabh की हत्या की थी।
Durlabh Kashyap को युवा क्यो पसंद करते थे-
Durlabh Kashyap किसी भी गरीब इन्सान को परेशान नही करता था। और ना ही वो किसी लड़की को परेशान करता था। वह दूसरे गुंडों की तरह नहीं था , दुर्लभ कश्यप का दिल बहुत साफ़ था और दिल के बहुत अच्छे थे , वह तो लड़कियों की बहुत ही ज़्यादा इज्ज़त करता था और उनकी मदद भी करता था। इसीलिए वह युवाओं की पसंद था।
Durlabh Kashyap कैसे पकड़ा गया था-
Durlabh Kashyap के अपराध हर दिन बढ़ते ही जा रहे थे। वह हफ्ता वसूली, लूटपाट और सुपारी लेना जैसे अपराधों को खुले आम सोशल मीडिया के ज़रिये अंजाम दे रहा था। उस समय के उज्जैन पुलिस के SP आईपीएस सचिन अतुलकर हुआ करते थे। उन्होंने Durlabh व उसकी Gang के खिलाफ एक हिस्ट्रीशीटर लिस्ट निकाली थी।
उन्होंने 2018 में एक ओपरेशन के दौरान Durlabh को उसकी Gang के साथ गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने Durlabh को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया था। और उसकी Gang के वो लड़के जो नाबालिक थे उन्हे बाल शुधार केंद्र में भेज दिया गया था। आईपीएस सचिन अतुलकर ने Durlabh से कहा था कि- “ तू जेल में रहेगा तो ज़िन्दा रहेगा। तूने अपने उम्र से ज़्यादा दुश्मन बना लिया है । “
सचिन अतुलकर की यह बात सुनकर Durlabh बहुत परेशान हो गया था और उसे अपनी जान की भी चिंता होन लगी थी। इसलिए वह एक साल तक जेल में ही रहा था। फिर 2020 में वह बहर आ गया और उसकी मृत्यु हो गई।
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Durlabh Kashyap की मृत्यु कैसे हुई-
Durlabh Kashyap ने बहुत ही कम उम्र से अपराध करना शुरु कर दिए थे। लेकिन इस अपराध की दुनिया में जाके Durlabh खुद ही अपनी मौत का कारण बन गया था।वह फरवरी में लॉकडाउन से पहले जेल से छूटा था। फिर वह इंदौर रहने चला आया था। लॉकडाउन के खत्म होते ही वह अपने माता पिता के साथ उज्जैन चला गया।
एक दिन रात 11:00 बजे शहनवाज नामक एक लोकल गुंडे की Gang के कुछ लोग एक चाय की दुकान पर आती हैं। और उस दुकान पर बैठे दुकान के मालिक को चाकू दिखाकर धमका के चली जाती हैं। फिर कुछ समय के बाद करीब 1:00 बजे Durlabh अपने पांच साथियों के साथ उस चाय की दुकान पर पहुंचता है।
और वहां वो देखता है कि वही इन्सान खड़ा है जिसका नाम शहनवाज था जो लोकल गुंडा था। उन दोनों में बेहेस होने लगी जिसमें Durlabh ने कट्टा निकाल के शहनवाज के गोली मारदी। यह देखकर शहनवाज की Gang वहाँ आ गई और Durlabh को घेर लिया। Durlabh के साथी वहाँ से तुरंत उसे छोड़ कर भाग गए।
इस हादसे में Durlabh के ऊपर 34 बार चाकू से हमला किया गया। जिसके कारण Durlabh की 7 सितंबर 2020 को गैंगवार के हमले में मृत्यु हो गई।
Durlabh Kashyap के बारे में कुछ रोचक तथ्य-
- Durlabh का जन्म 8 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के उज्जैन में हुआ था।
- Durlabh Kashyap मध्य प्रदेश के उज्जैन में रहने वाला एक 20 साल का युवा था।
- Durlabh Kashyap ने बहुत ही कम उम्र में अपराध की दुनिया में चला गया था। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी।
- Durlabh के पिता मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक है।
- Durlabh अपने अपराधों को फैलाने, अंजाम देने व युवाओं को अपनी Gang में जोड़ने के लिए फेसबुक का सहारा लेता था।
- Durlabh 16 साल की उम्र से ही अपराधों में व्यस्त हो गया था।
- Durlabh ने अपनी कम उमरी से ही फेसबुक पर दहशत मचाने वाले पोस्ट डालना शुरू कर दिए थे।
- Durlabh ने 16 साल की उम्र से अपराधों को अंजाम देना शुरू कर दिया था। जिसके कारण उसका नाम गैंगस्टर की लिस्ट में शामिल हो गया था।
- पुलिस ने उसे हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया था।
- Durlabh का पहनावा बहुत ही अलग होता था। जिसकी वजह से वह युवाओं के बीच में बहुत ही ज़्यादा फेमस था।माथे पे लाल टीका,आंखों में सुरमा और गमछा डालना Durlabh की पहचान थी।
- Durlabh की मृत्यु के कुछ दिनों बाद ही उसकी माँ भी चल बसी।
- Durlabh ने बचपन में ही इस बात का प्रण ले लिया था कि, वह बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनीयर या कोई अधिकारी नहीं बल्कि एक गैंगस्टर ही बनेंगे।
- Durlabh ने बहुत ही कम उम्र से ही कई बड़े अपराधों को अंजाम दिया था और अपना नाम गैंगस्टर्स की लिस्ट में शामिल करवा लिया था।
- Durlabh ने अपनी Gang में सबसे ज़्यादा नाबिलाको को ही जोड़ा हुआ था।
- Durlabh की मृत्यु 34 बार चाकू घुसने से हुई थी।
- Durlabh की मृत्यु 20 साल की उम्र में हो गई थी।
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Durlabh Kashyap के social accounts
durlabh.kashyap.official | |
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Durlabh Kashyap की कुछ photo
लोगो ने यह भी पूछा (FAQ)
Q. दुर्लभ कश्यप को किसने मारा और कैसे मारा?
Q. उज्जैन का सबसे बड़ा गैंगस्टर कौन है?
निष्कर्ष-
तो दोस्तों ये थी durlabh kashyap biography in hindi में। जिसमें आप सभी ने durlabh kashyap के जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर को जाना। durlabh kashyap की उम्र भले ही कम रही लेकिन उसके अपराध बहुत ही ज़्यादा बड़े बड़े थे जिसकी वजह से वह खुद ही मौत के घाट ऊतर गया।
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