Best Top Moral Stories In Hindi For Class 7 | हिंदी कहानियां – (2023)

Best Top Moral Stories In Hindi For Class 7 | हिंदी कहानियां – (2023)

1 . दो बकरे 

( Moral Stories in Hindi for Students )

 Moral Stories In Hindi For Class 7 - two goats

Short Moral Stories In Hindi For Class 7 : दो बकरे थे । एक काले रंग का था और दूसरा भूरे रंग का । एक दिन झरने पर बने पुल से गुजर रहे थे । काला बकरा पुल के इस छोर से और भूरा बकरा उस छोर से आ रहा था । पुल के बीचोबीच दोनों बकरों का आमना – सामना हुआ । दोनों अकड़ कर खड़े हो गए । 

पुल बहुत ही सँकरा था । एक बार में उस पर से एक ही बकरा जा सकता था । काले बकरे ने भूरे बकरे से गुर्रा कर कहा , ” तू मेरे रास्ते से हट जा । ” भूरे बकरे ने भी इसी प्रकार गर्रा कर जवाब दिया , ” अबे , वापस चला जा . वरना मैं तुझे इस झरने में फेंक दूंगा । ” 

वे दोनों थोड़ी देर तक एक – दूसरे को धमकाते रहे । उसके बाद दोनों एक दूसरे से भिड़ गए । फिर क्या था ! दोनों अपना – अपना संतुलन खो बैठे और लड़खड़ा कर झरने में जा गिरे । वे झरने की धारा के साथ बहने लगे । थोडी देर में ही दोनों डूब कर मर गए । 

इसी तरह दूसरी बार दो बकरियाँ इसी पुल के बीचोबीच आमने – सामने आ गईं । वे दोनों समझदार और शांत स्वभाववाली थीं । उनमें से एक बकरी बैठ गई । उसने दूसरी बकरी को अपने शरीर के ऊपर से जाने दिया । उसके बाद वह खड़ी हो गई । धीरे – धीरे चल कर उसने भी पुल पार कर लिया । | 

शिक्षा

क्रोध दुःख का मूल है , शांति खुशी की खान ।

2. शेर और चूहा 

( Moral Stories In Hindi For Class 7 with photo )

 Moral Stories In Hindi For Class 7 - sher chuha

गर्मी के दिन थे । दोपहरी में एक शेर पेड़ की छाया में सो रहा था । उसी पेड़ के पास बिल में एक चूहा रहता था । वह खेलने के लिए अपने बिल से बाहर निकला और सोए हुए शेर के शरीर पर इधर – उधर दौड़ने लगा । 

इससे शेर की नींद टूट गई । उसने चूहे को अपने पंजे में धरदबोचा । बेचारा चूहा भय से काँपने लगा । ची – चीं करते हुए उसने शेर से कहा , ” हे जंगल के राजा , कृपया मुझे माफ कर दीजिए । मुझ पर दया कीजिए । मुझे छोड़ दीजिए । इस एहसान का बदला एक दिन मैं जरूर चुका दूँगा । ‘ ‘ 

नन्हे चूहे के ये शब्द सुन कर शेर जोर से हँस पड़ा । उसने कहा , ” बड़ी मजेदार सूझबूझ है तुम्हारी , नन्हे ! इत्ता – सा तो है तू ! मुझ जैसे ताकतवर जंगल के राजा की तू क्या मदद करेगा ? ” फिर भी शेर को चूहे पर दया आ गई । उसने चूहे को छोड़ दिया । 

कुछ दिन बीत गए । एक दिन चूहे ने शेर की दर्द भरी दहाड़ सुनी । वह फौरन बिल से बाहर निकला । उसने देखा कि शेर सचमुच संकट में फँस गया है ।

शेर एक शिकारी के जाल में फँस गया था । उसने जाल से निकलने की भरसक कोशिश की , पर उसे सफलता नहीं मिली । चूहा दौड़ता हुआ शेर के पास आया । उसने शेर से कहा , ” जंगल के राजा , आप चिंता न करें । मैं अभी आपको आजाद कर देता हूँ

चूहा अपने तेज दाँतों से जाल को कुतरने लगा । थोड़े समय में ही शेर जाल से मुक्त हो गया । शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और अपनी गुफा की ओर चल दिया । 

शिक्षा

छोटे जीवों की शक्ति को कम नहीं आँकना चाहिए ।

3. बैल और मेढक 

( Best Moral Stories in Hindi for Kids )

 Moral Stories In Hindi For Class 7 - bell or chuha

एक बार एक तालाब के किनारे छोटे – छोटे मेढक खेल रहे थे । तभी का एक बैल पानी पीने के लिए आया । उसने पानी पी कर जोर से डकारा बैल के डकारने की आवाज सुन कर सभी मेढक भयभीत हो गए । वे सरपर भागते हुए अपनी दादी माँ के पास पहुँचे । 

दादी माँ ने अपने एक पोते से पूछा , ” क्यों रे , क्या हुआ ? तुम लोग घबराए । हुए क्यों हो ? ” 

छोटे मेढक ने कहा , ” अरे दादी , अभी एक बहुत बड़ा जानवर तालाब में पानी पीने के लिए आया था । उसकी आवाज बहुत ही तेज और भयंकर थी । ” 

दादी माँ ने पूछा , ” कितना बड़ा था वह जानवर ? “

नन्हे मेढक ने जवाब दिया , ” अरे , बहुत ही बड़ा था वह । ” 

दादी माँ ने अपने चारों पैर फैलाए और गाल फुला कर कहा , ” वह इतना बड़ा था , क्या ? ” 

छोटे मेढक ने कहा , ” अरे नहीं दादी , वह इससे भी बहुत बड़ा था । ” | दादी माँ ने फिर अपना गाल और पेट फुला कर कहा , “ इससे ज्यादा बड़ा तो वह नहीं होगा । है  न ! ‘ 

नन्हे मेढक ने जवाब दिया , “ नहीं दादी , वह इससे भी बहुत – बहुत बड़ा था । ” दादी माँ ने अपने शरीर को और फुलाया । इस प्रकार वह अपने शरीर को फुलाती गई । आखिरकार उसका पेट फट गया और वह मर गई । 

शिक्षा

थोथा अभिमान विनाश का कारण होता है ।

4. बंदर का इंसाफ 

( Best Moral Stories in Hindi for Kids )

 Moral Stories In Hindi For Class 7 - bander or insaaf

दो विल्लियाँ थीं । एक दिन उन्हें रास्ते पर एक केक दिखाई दिया । एक बिल्ली ने उछल कर फौरन उस केक को उठा लिया । दूसरी बिल्ली उससे केक छीनने लगी । Moral Stories In Hindi For Class 7

पहली बिल्ली ने कहा , ” चल हट ! यह मेरा केक है । पहले मैंने ही इसे उठाया है । ” दूसरी बिल्ली ने कहा , “ पर इसे पहले मैंने ही देखा था , इसलिए यह मेरा हुआ । ” 

उसी समय वहाँ से एक बंदर जा रहा था । दोनों बिल्लियों ने उससे प्रार्थना की , ” भाई , तुम्हीं फैसला करो और हमारा झगड़ा निपटाओ । ” । 

बंदर ने कहा , ” लाओ , यह केक मुझे दो । मैं इसके दो बराबर – बराबर हिस्से करूँगा और दोनों को एक – एक हिस्सा दे दूंगा । “

बंदर ने केक के दो टुकड़े किए । उसने दोनों टुकड़ों को बारी – बारी देखा , फिर अपना सिर हिलाते हुए कहा , ” दोनों टुकड़े बराबर नहीं हैं । यह टुकड़ा दूसरे टुकड़े से बड़ा है । ‘ ‘ उसने बड़े टुकड़े में से थोड़ा – सा हिस्सा खा लिया । 

फिर भी दोनों हिस्से बराबर नहीं हुए । बंदर ने फिर बड़े टुकड़े में से थोड़ा सा हिस्सा खा लिया । बंदर इसी तरह हर बार बड़े टुकड़े में से थोड़ा – थोड़ा खाता रहा । अंत में केक के केवल दो छोटे – छोटे टुकड़े ही बचे । 

बंदर ने बिल्लियों से कहा , ” ओ – हो – हो ! अब भला इतने छोटे – छोटे टुकड़े मैं तुम्हें कैसे दे सकता हूँ ? चलो , मैं ही इन्हें खा लेता हूँ । ” यह कह कर बंदर केक के दोनों टुकड़े अपने मुँह में डाल कर चलता बना ।

शिक्षा

दो की लड़ाई में तीसरे का फायदा ।

5 . लोमड़ी और क्रौंच 

( Stories In Hindi With Moral For Class 7 )

moral stories in hindi for class 9

एक क्रौंच की एक लोमड़ी से मित्रता हो गई । एक बार लोमड़ी ने क्रौंच को भोजन का निमंत्रण दिया । उसने सूप ( रसा ) तेयार किया और उसे दो सपाट तश्तरियों में परोस दिया । ” 

चलो , खाने की शुरुआत करें । ” लोमड़ी ने क्रौंच से कहा और सूप चाटना । शुरू कर दिया । ” बड़ा मजेदार है । है न ! ” सूप चाटते – चाटते वह बोली । Moral Stories In Hindi For Class 7

क्रौंच ने सूप की सुगंध ली । उसके मुँह में पानी आ गया । पर सूप की एक बूंद भी उसके मुँह तक नहीं पहुँची । उसकी चोंच लंबी थी और तश्तरी | सपाट थी । उसे पता चल गया कि धूर्त लोमड़ी उसके साथ मजाक कर रही है । लेकिन क्रौंच चुप रहा । वह देखता रहा और लोमड़ी सूप चट कर गई । 

कुछ दिनों के बाद क्रौंच ने लोमड़ी को भोजन का निमंत्रण दिया । वह लोमड़ी को अपने यहाँ ले गया । उसने भी स्वादिष्ट सूप बनाया । सँकरे मुँहवाली सुराहियों में सूप परोस कर क्रौंच ने कहा ” चलो , शुरू करें खाना । ” उसने अपनी लंबी चोंच सुराही में डाल दी । क्रौंच तो आराम से सूप पी रहा था । सूप पीते – पीते उसने लोमड़ी से कहा ,

” मैंने इतना स्वादिष्ट सूप कभी नहीं चखा था । इसे मैंने विशेष रूप से तुम्हारे लिए बनाया है । शर्म मत करो , जी भर कर खाओ । ” । 

पर लोमड़ी सूप का जरा भी स्वाद नहीं ले पाई । सुराही का गला बहुत तंग था । सूप तक उसका मुँह पहुँच ही नहीं पाया । उसे बहुत दुःख हुआ । Moral Stories In Hindi For Class 7

लोमड़ी समझ गई कि उसने क्रौंच के साथ जो शरारत की थी , उसी का यह फल उसे भुगतना पड़ रहा है । 

शिक्षा

जैसे को तैसा

6. चूहा और बैल 

( Moral Stories In Hindi For Class 7 )

 Moral Stories In Hindi For Class 7 - chua or bell

एक नन्हा – सा चूहा था । वह अपने बिल से बाहर आया । उसने देखा कि एक बड़ा बैल पेड़ की छाया में सोया हुआ है । बैल जोर – जोर से खरर्टि भर रहा था । चूहा बैल की नाक के पास गया और मजा लेने के लिए उसने उसकी नाक में काट लिया । 

बैल हड़बड़ा कर जग गया । दर्द के मारे वह जोर से डकारा । इससे घबरा कर चूहा सरपट भागा । बैल ने पूरी ताकत से उसका पीछा किया । चूहा दौड़ कर एक दीवार के छेद में घुस गया । अब वह बैल की पहुँच से बाहर था । 

पर बैल ने चूहे को सजा देने की ठान ली थी । उसने गुस्से से चिल्ला कर कहा , ” अबे ओ चूहे ! मैं तुझे एक ताकतवर बैल को काटने का मजा चखाऊँगा । ” बैल ताकतवर था । उसने अपने सिर से दीवार पर जोर से धक्का मारा । पर दीवार भी बहुत मजबूत थी । उस पर कोई असर नहीं हुआ , बल्कि बैल के सिर में ही चोट लगी । 

यह देख कर चूहे ने बैल को चिढ़ाते हुए कहा , ” अरे मूर्ख , बिना मतलब अपना सिर क्यों फोड़ रहा है ? तू कितना ही बलवान क्यों न हो , पर हमेशा तेरे ही मन की तो नहीं हो सकती । ” बैल अब भी चूहे को बिना दंड दिए छोड़ देने को तैयार नहीं था । चूहे जैसे एक तुच्छ प्राणी ने उसका अपमान किया था । इस समय वह बहुत क्रोध में था ।

पर धीरे – धीरे बैल का जोश कम हुआ । उसे चूहे की बात सही मालूम हुई । इसलिए वह चुपचाप वहाँ से चला गया । चूहे के ये शब्द अब भी उसके कान में गूंज रहे थे – ” तू कितना ही बलवान क्यों न हो , पर हमेशा तेरे ही मन की तो नहीं हो सकती । “

शिक्षा

बुद्धि शक्ति से बड़ी होती है ।

7 . चिंतू और बेरवाला 

( Moral Stories In Hindi For Class 7 )

 Moral Stories In Hindi For Class 7 - chintu or berwala

चितू बहुत चतुर एवं निडर लड़का था । एक बार उसने बेरवाले से बेर खरीदे । बेरवाले ने उसे वजन में कम बेर दिए । चिंतू बेरवाले की चालाकी देख रहा था । उसने तुरंत बेरवाले से पूछा , ” तुम मुझे कम बेर क्यों दे रहे हो ? ” 

बेरवाले ने मक्कारी से कहा , ” तुम्हें ले जाने में आसानी हो , इसलिए । ” चिंतू ने झटपट कुछ पैसे बेरवाले की हथेली पर रखे और वह जल्दी – जल्दी जाने लगा । Moral Stories In Hindi For Class 7

बेरवाले ने पैसे गिने । पैसे कम थे । उसने चिंतू को वापस बुला कर कहा , ” तुमने मुझे कम पैसे क्यों दिए ? ” 

चिंतू ने फौरन कहा , ” इसलिए कि तुम्हें गिनने में आसानी हो । ” 

शिक्षा

चालाक के साथ चालाकी नहीं चलती ।

conclusion

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