1 . दो बकरे
( Moral Stories in Hindi for Students )
Short Moral Stories In Hindi For Class 7 : दो बकरे थे । एक काले रंग का था और दूसरा भूरे रंग का । एक दिन झरने पर बने पुल से गुजर रहे थे । काला बकरा पुल के इस छोर से और भूरा बकरा उस छोर से आ रहा था । पुल के बीचोबीच दोनों बकरों का आमना – सामना हुआ । दोनों अकड़ कर खड़े हो गए ।
पुल बहुत ही सँकरा था । एक बार में उस पर से एक ही बकरा जा सकता था । काले बकरे ने भूरे बकरे से गुर्रा कर कहा , ” तू मेरे रास्ते से हट जा । ” भूरे बकरे ने भी इसी प्रकार गर्रा कर जवाब दिया , ” अबे , वापस चला जा . वरना मैं तुझे इस झरने में फेंक दूंगा । ”
वे दोनों थोड़ी देर तक एक – दूसरे को धमकाते रहे । उसके बाद दोनों एक दूसरे से भिड़ गए । फिर क्या था ! दोनों अपना – अपना संतुलन खो बैठे और लड़खड़ा कर झरने में जा गिरे । वे झरने की धारा के साथ बहने लगे । थोडी देर में ही दोनों डूब कर मर गए ।
इसी तरह दूसरी बार दो बकरियाँ इसी पुल के बीचोबीच आमने – सामने आ गईं । वे दोनों समझदार और शांत स्वभाववाली थीं । उनमें से एक बकरी बैठ गई । उसने दूसरी बकरी को अपने शरीर के ऊपर से जाने दिया । उसके बाद वह खड़ी हो गई । धीरे – धीरे चल कर उसने भी पुल पार कर लिया । |
शिक्षा
क्रोध दुःख का मूल है , शांति खुशी की खान ।
2. शेर और चूहा
( Moral Stories In Hindi For Class 7 with photo )
गर्मी के दिन थे । दोपहरी में एक शेर पेड़ की छाया में सो रहा था । उसी पेड़ के पास बिल में एक चूहा रहता था । वह खेलने के लिए अपने बिल से बाहर निकला और सोए हुए शेर के शरीर पर इधर – उधर दौड़ने लगा ।
इससे शेर की नींद टूट गई । उसने चूहे को अपने पंजे में धरदबोचा । बेचारा चूहा भय से काँपने लगा । ची – चीं करते हुए उसने शेर से कहा , ” हे जंगल के राजा , कृपया मुझे माफ कर दीजिए । मुझ पर दया कीजिए । मुझे छोड़ दीजिए । इस एहसान का बदला एक दिन मैं जरूर चुका दूँगा । ‘ ‘
नन्हे चूहे के ये शब्द सुन कर शेर जोर से हँस पड़ा । उसने कहा , ” बड़ी मजेदार सूझबूझ है तुम्हारी , नन्हे ! इत्ता – सा तो है तू ! मुझ जैसे ताकतवर जंगल के राजा की तू क्या मदद करेगा ? ” फिर भी शेर को चूहे पर दया आ गई । उसने चूहे को छोड़ दिया ।
कुछ दिन बीत गए । एक दिन चूहे ने शेर की दर्द भरी दहाड़ सुनी । वह फौरन बिल से बाहर निकला । उसने देखा कि शेर सचमुच संकट में फँस गया है ।
शेर एक शिकारी के जाल में फँस गया था । उसने जाल से निकलने की भरसक कोशिश की , पर उसे सफलता नहीं मिली । चूहा दौड़ता हुआ शेर के पास आया । उसने शेर से कहा , ” जंगल के राजा , आप चिंता न करें । मैं अभी आपको आजाद कर देता हूँ
चूहा अपने तेज दाँतों से जाल को कुतरने लगा । थोड़े समय में ही शेर जाल से मुक्त हो गया । शेर ने चूहे को धन्यवाद दिया और अपनी गुफा की ओर चल दिया ।
शिक्षा
छोटे जीवों की शक्ति को कम नहीं आँकना चाहिए ।
3. बैल और मेढक
( Best Moral Stories in Hindi for Kids )
एक बार एक तालाब के किनारे छोटे – छोटे मेढक खेल रहे थे । तभी का एक बैल पानी पीने के लिए आया । उसने पानी पी कर जोर से डकारा बैल के डकारने की आवाज सुन कर सभी मेढक भयभीत हो गए । वे सरपर भागते हुए अपनी दादी माँ के पास पहुँचे ।
दादी माँ ने अपने एक पोते से पूछा , ” क्यों रे , क्या हुआ ? तुम लोग घबराए । हुए क्यों हो ? ”
छोटे मेढक ने कहा , ” अरे दादी , अभी एक बहुत बड़ा जानवर तालाब में पानी पीने के लिए आया था । उसकी आवाज बहुत ही तेज और भयंकर थी । ”
दादी माँ ने पूछा , ” कितना बड़ा था वह जानवर ? “
नन्हे मेढक ने जवाब दिया , ” अरे , बहुत ही बड़ा था वह । ”
दादी माँ ने अपने चारों पैर फैलाए और गाल फुला कर कहा , ” वह इतना बड़ा था , क्या ? ”
छोटे मेढक ने कहा , ” अरे नहीं दादी , वह इससे भी बहुत बड़ा था । ” | दादी माँ ने फिर अपना गाल और पेट फुला कर कहा , “ इससे ज्यादा बड़ा तो वह नहीं होगा । है न ! ‘
नन्हे मेढक ने जवाब दिया , “ नहीं दादी , वह इससे भी बहुत – बहुत बड़ा था । ” दादी माँ ने अपने शरीर को और फुलाया । इस प्रकार वह अपने शरीर को फुलाती गई । आखिरकार उसका पेट फट गया और वह मर गई ।
शिक्षा
थोथा अभिमान विनाश का कारण होता है ।
4. बंदर का इंसाफ
( Best Moral Stories in Hindi for Kids )
दो विल्लियाँ थीं । एक दिन उन्हें रास्ते पर एक केक दिखाई दिया । एक बिल्ली ने उछल कर फौरन उस केक को उठा लिया । दूसरी बिल्ली उससे केक छीनने लगी । Moral Stories In Hindi For Class 7
पहली बिल्ली ने कहा , ” चल हट ! यह मेरा केक है । पहले मैंने ही इसे उठाया है । ” दूसरी बिल्ली ने कहा , “ पर इसे पहले मैंने ही देखा था , इसलिए यह मेरा हुआ । ”
उसी समय वहाँ से एक बंदर जा रहा था । दोनों बिल्लियों ने उससे प्रार्थना की , ” भाई , तुम्हीं फैसला करो और हमारा झगड़ा निपटाओ । ” ।
बंदर ने कहा , ” लाओ , यह केक मुझे दो । मैं इसके दो बराबर – बराबर हिस्से करूँगा और दोनों को एक – एक हिस्सा दे दूंगा । “
बंदर ने केक के दो टुकड़े किए । उसने दोनों टुकड़ों को बारी – बारी देखा , फिर अपना सिर हिलाते हुए कहा , ” दोनों टुकड़े बराबर नहीं हैं । यह टुकड़ा दूसरे टुकड़े से बड़ा है । ‘ ‘ उसने बड़े टुकड़े में से थोड़ा – सा हिस्सा खा लिया ।
फिर भी दोनों हिस्से बराबर नहीं हुए । बंदर ने फिर बड़े टुकड़े में से थोड़ा सा हिस्सा खा लिया । बंदर इसी तरह हर बार बड़े टुकड़े में से थोड़ा – थोड़ा खाता रहा । अंत में केक के केवल दो छोटे – छोटे टुकड़े ही बचे ।
बंदर ने बिल्लियों से कहा , ” ओ – हो – हो ! अब भला इतने छोटे – छोटे टुकड़े मैं तुम्हें कैसे दे सकता हूँ ? चलो , मैं ही इन्हें खा लेता हूँ । ” यह कह कर बंदर केक के दोनों टुकड़े अपने मुँह में डाल कर चलता बना ।
शिक्षा
दो की लड़ाई में तीसरे का फायदा ।
5 . लोमड़ी और क्रौंच
( Stories In Hindi With Moral For Class 7 )
एक क्रौंच की एक लोमड़ी से मित्रता हो गई । एक बार लोमड़ी ने क्रौंच को भोजन का निमंत्रण दिया । उसने सूप ( रसा ) तेयार किया और उसे दो सपाट तश्तरियों में परोस दिया । ”
चलो , खाने की शुरुआत करें । ” लोमड़ी ने क्रौंच से कहा और सूप चाटना । शुरू कर दिया । ” बड़ा मजेदार है । है न ! ” सूप चाटते – चाटते वह बोली । Moral Stories In Hindi For Class 7
क्रौंच ने सूप की सुगंध ली । उसके मुँह में पानी आ गया । पर सूप की एक बूंद भी उसके मुँह तक नहीं पहुँची । उसकी चोंच लंबी थी और तश्तरी | सपाट थी । उसे पता चल गया कि धूर्त लोमड़ी उसके साथ मजाक कर रही है । लेकिन क्रौंच चुप रहा । वह देखता रहा और लोमड़ी सूप चट कर गई ।
कुछ दिनों के बाद क्रौंच ने लोमड़ी को भोजन का निमंत्रण दिया । वह लोमड़ी को अपने यहाँ ले गया । उसने भी स्वादिष्ट सूप बनाया । सँकरे मुँहवाली सुराहियों में सूप परोस कर क्रौंच ने कहा ” चलो , शुरू करें खाना । ” उसने अपनी लंबी चोंच सुराही में डाल दी । क्रौंच तो आराम से सूप पी रहा था । सूप पीते – पीते उसने लोमड़ी से कहा ,
” मैंने इतना स्वादिष्ट सूप कभी नहीं चखा था । इसे मैंने विशेष रूप से तुम्हारे लिए बनाया है । शर्म मत करो , जी भर कर खाओ । ” ।
पर लोमड़ी सूप का जरा भी स्वाद नहीं ले पाई । सुराही का गला बहुत तंग था । सूप तक उसका मुँह पहुँच ही नहीं पाया । उसे बहुत दुःख हुआ । Moral Stories In Hindi For Class 7
लोमड़ी समझ गई कि उसने क्रौंच के साथ जो शरारत की थी , उसी का यह फल उसे भुगतना पड़ रहा है ।
शिक्षा
जैसे को तैसा
6. चूहा और बैल
( Moral Stories In Hindi For Class 7 )
एक नन्हा – सा चूहा था । वह अपने बिल से बाहर आया । उसने देखा कि एक बड़ा बैल पेड़ की छाया में सोया हुआ है । बैल जोर – जोर से खरर्टि भर रहा था । चूहा बैल की नाक के पास गया और मजा लेने के लिए उसने उसकी नाक में काट लिया ।
बैल हड़बड़ा कर जग गया । दर्द के मारे वह जोर से डकारा । इससे घबरा कर चूहा सरपट भागा । बैल ने पूरी ताकत से उसका पीछा किया । चूहा दौड़ कर एक दीवार के छेद में घुस गया । अब वह बैल की पहुँच से बाहर था ।
पर बैल ने चूहे को सजा देने की ठान ली थी । उसने गुस्से से चिल्ला कर कहा , ” अबे ओ चूहे ! मैं तुझे एक ताकतवर बैल को काटने का मजा चखाऊँगा । ” बैल ताकतवर था । उसने अपने सिर से दीवार पर जोर से धक्का मारा । पर दीवार भी बहुत मजबूत थी । उस पर कोई असर नहीं हुआ , बल्कि बैल के सिर में ही चोट लगी ।
यह देख कर चूहे ने बैल को चिढ़ाते हुए कहा , ” अरे मूर्ख , बिना मतलब अपना सिर क्यों फोड़ रहा है ? तू कितना ही बलवान क्यों न हो , पर हमेशा तेरे ही मन की तो नहीं हो सकती । ” बैल अब भी चूहे को बिना दंड दिए छोड़ देने को तैयार नहीं था । चूहे जैसे एक तुच्छ प्राणी ने उसका अपमान किया था । इस समय वह बहुत क्रोध में था ।
पर धीरे – धीरे बैल का जोश कम हुआ । उसे चूहे की बात सही मालूम हुई । इसलिए वह चुपचाप वहाँ से चला गया । चूहे के ये शब्द अब भी उसके कान में गूंज रहे थे – ” तू कितना ही बलवान क्यों न हो , पर हमेशा तेरे ही मन की तो नहीं हो सकती । “
शिक्षा
बुद्धि शक्ति से बड़ी होती है ।
7 . चिंतू और बेरवाला
( Moral Stories In Hindi For Class 7 )
चितू बहुत चतुर एवं निडर लड़का था । एक बार उसने बेरवाले से बेर खरीदे । बेरवाले ने उसे वजन में कम बेर दिए । चिंतू बेरवाले की चालाकी देख रहा था । उसने तुरंत बेरवाले से पूछा , ” तुम मुझे कम बेर क्यों दे रहे हो ? ”
बेरवाले ने मक्कारी से कहा , ” तुम्हें ले जाने में आसानी हो , इसलिए । ” चिंतू ने झटपट कुछ पैसे बेरवाले की हथेली पर रखे और वह जल्दी – जल्दी जाने लगा । Moral Stories In Hindi For Class 7
बेरवाले ने पैसे गिने । पैसे कम थे । उसने चिंतू को वापस बुला कर कहा , ” तुमने मुझे कम पैसे क्यों दिए ? ”
चिंतू ने फौरन कहा , ” इसलिए कि तुम्हें गिनने में आसानी हो । ”
शिक्षा
चालाक के साथ चालाकी नहीं चलती ।
conclusion
कुछ ऐसी ही what short moral story in hindi for student.? हम अक्सर आपके लिए लेकर आते रहते हैं । दोस्तों अगर आप इसी तरह की moral stories in hindi for class 7 के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो हमारे साइट को सब्सक्राइब कर लीजिए क्योंकि हम आपके लिए DAILY ऐसी ऐसी मजेदार कहानिया लेकर आते रहेंगे अगर आपको हमारी यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
Thank You
Recommended Love Stories :
- Small Short Sad Love Story In Hindi – I Am Sorry ( मुझे माफ़ कर देना )
- चंचल और शोभित की प्रेम कहानी – A Most Romantic love Story In Hindi
- मुझे माफ कर देना – Heart Touching Sad Love Story in Hindi
- उसके बदन पर लगे दाग देख मैं रो दिया – Cute Short Love Story In Hindi
- मुझे माफ कर देना – Emotional Love Story In Hindi – 2020
- विश्वास – Heart Touching Sad Love Story In Hindi
- मैंने उसे सच्चा प्यार किया – A True Sad Love Story In Hindi
- A sad True Love Story in Hindi
- Incomplete अधूरी कहानी – A Short Sad Love Story In Hindi