Top Best Moral Stories In Hindi For Class 9 | हिंदी कहानियां

moral stories in hindi for class 9
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1. प्यासा कौआ 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

Short Moral Stories In Hindi For Class 9 : गर्मियों के दिन थे । एक कौआ बहुत प्यासा था । उसका गला सूख रहा था । वह इधर – उधर उड़ता हुआ पानी की तलाश कर रहा था । पर उसे कहीं भी पानी नहीं दिखाई दिया । सभी जलाशय सूख गए थे । 

अंत में कौए को एक मकान के पास एक घड़ा दिखाई दिया । वह घड़े के पास गया । उसने उसमें झाँक कर देखा । घड़े में थोड़ा – सा पानी था । पर उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकती थी । 

अचानक उसे एक उपाय सूझा । वह जमीन से एक – एक कंकड़ उठा कर घड़े में डालने लगा । धीरे – धीरे घड़े का पानी ऊपर आने लगा । अब कौए की चोंच पानी तक पहुँच सकती थी । कौए ने जी – भर कर पानी पिया और खुशी से काँव – काँव करता उड़ गया । 

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जहाँ चाह , वहाँ राह !  [/su_box]

२ . अंगूर खट्टे हैं !

 1 क दिन एक भूखी लोमड़ी अंगूर के बगीचे में जा पहुँची । बेलों पर पके हुए अंगूरों के गुच्छे लटक रहे थे । यह देख कर लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया । मुँह ऊपर की ओर बढ़ा कर उसने अंगूर पाने की कोशिश की । 

पर वह सफल न हो सकी । अंगूर काफी ऊँचाई पर थे । उन्हें पाने के लिए लोमड़ी खूब उछली , फिर भी वह अंगूरों तक नहीं पहुँच सकी । जब तक वह पूरी तरह थक नहीं गई , उछलती ही रही । 

आखिरकार थक कर उसने उम्मीद छोड़ दी और वहाँ से चलती बनी । जाते – जाते उसने कहा , ” ये अंगूर खट्टे हैं । ऐसे खट्टे अंगूर कौन खाए ? ” । 

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हार मानने में हर्ज क्या ? [/su_box]

2. खरगोश और कछुआ

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

कछुआ हमेशा धीरे – धीरे चलता था । कछुए की चाल देख कर खरगोश खूब हँसता । एक दिन कछुए ने खरगोश से दौड़ की शर्त लगाई । दौड़ शुरू हुई । खरगोश खूब जोर से दौड़ने लगा । वह जल्दी ही कछुए से काफी आगे निकल गया । 

अपनी जीत निश्चित मान कर खरगोश सोचने लगा , ‘ अभी कछुआ बहुत पीछे है । वह धीरे – धीरे चलता है । इतनी जल्दी शर्त जीतने की जरूरत क्या है ? पेड़ के नीचे बैठ कर थोड़ा आराम कर लूँ । 

जब कछुआ पास आता दिखाई देगा , तो दोड़ कर में उससे आगे निकल जाऊँगा और शर्त जीत लूँगा । यह देख कर कछुआ खूब नाराज होगा । बड़ा मजा आएगा । खरगोश पेड़ की छाया में आराम करने लगा ।

 कछुआ अब भी काफी पीछे था । थकान के कारण खरगोश को नींद आ गई । जब उसकी आँख खुली , तो उसने देखा कि कछुआ आगे चला गया है और विजय – रेखा पार कर मुस्करा रहा है । 

खरगोश शर्त हार गया । 

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धैर्य और लगन से काम करने वाला हमेशा विजयी होता है । [/su_box]

3 . चालाक लोमड़ी 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

एक दिन एक कौए ने एक बच्ची के हाथ से एक रोटी छीन ली । उसके बाद वह उड़ कर पेड़ की ऊँची डाली पर जा बैठा और रोटी खाने लगा । एक लोमड़ी ने उसे देखा , तो उसके मुँह में पानी भर आया । 

वह पेड़ के नीचे जा पहुँची । उसने कौए की ओर देख कर कहा , ” कौए राजा , नमस्ते । आप अच्छे तो हैं ? ” कौए ने कोई जवाब नहीं दिया । लोमड़ी ने उससे कहा , ” कौए राजा , आप बहुत चमकदार और सुंदर लग रहे हैं । यदि आपकी वाणी भी मधुर है , तो आप पक्षियों के राजा बन जाएंगे । जरा मुझे अपनी आवाज तो सुनाइए । ” 

मूर्ख कौए ने सोचा , ‘ मैं सचमुच पक्षियों का राजा हूँ । मुझे यह सिद्ध कर | देना चाहिए । ‘ उसने ज्यों ही गाने के लिए अपनी चोंच खोली कि रोटी चोंच से छूट कर नीचे आ गिरी । लोमड़ी रोटी उठा कर फौरन भाग गई । । 

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झूठी तारीफ करने वाले से सावधान रहना चाहिए । [/su_box]

4 . ग्रामीण चूहा और शहरी चूहा 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

एक ग्रामीण चूहा था । वह खेत में रहता था । एक शहरी चूहा उसका मित्र था । वह शहर में रहता था । एक दिन ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे को खाने पर निमंत्रित किया । उसने अपने शहरी मेहमान को मीठे – मीठे बेर , मूंगफली के दाने तथा कंद – मूल खाने के लिए दिए । 

पर शहरी चूहे को गाँव का सादा भोजन पसंद नहीं आया । उसने ग्रामीण चूहे से कहा , ” भाई , सच्ची बात कहूँ तो तुम्हारा यह देशी खाना मुझे पसंद नहीं आया । यह तो इतना अच्छा खाना नहीं है । इसमें कोई स्वाद भी नहीं है । तुम मेरे घर चलो , तो तुम्हें पता चलेगा कि बढ़िया खाना कैसा होता है ! “

ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे का आमंत्रण स्वीकार कर लिया । एक दिन वह शहर गया । उसके शहरी मित्र ने उसे अंजीर , खजूर , शहद , बिस्कुट , पावरोटी तथा मुरब्बा आदि खाने के लिए दिया । भोजन बड़ा स्वादिष्ट था । लेकिन शहर में वे दोनों चैन से भोजन नहीं कर पाए । 

वहाँ बार – बार एक बिल्ली आ जाती और चूहों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ता था । शहरी चूहे का बिल भी बहुत छोटा और सँकरा था ।

कितना दुःखी जीवन है तुम्हारा , भाई ? ‘ ग्रामीण चूहे ने शहरी चूहे से कहा । ” मैं तो अपने घर लौट जाता हूँ । वहाँ मैं कम – से – कम शांतिपूर्वक खाना तो खा सकता हूँ । ” खेत में अपने स्थान पर वापस लौटने पर ग्रामीण चूहे को बड़ी प्रसन्नता हुई ।

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शांति और निर्भयता में ही सच्चा सुख है । [/su_box]

5 . टिड्डा और चींटी 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

गर्मियों के दिन थे । खुली धूप थी और मोसम साफ था । अनाज भी भरणा था । ऐसे समय पर एक टिड्डा भरपेट खाना खा कर गीत गाने में पर था । उसने देखा , कुछ चीटियाँ खाने की सामग्री ले जा रही हैं । शायद वे भविष्य के लिए संग्रह कर रही थीं । 

चींटियों को देख कर वह हंसने लगा । उनमें से एक चींटी से उसकी दोस्ती थी । टिड्डे ने उस चींटी से कहा , ” तुम सब कितनी लालची हो ! इस खशी के मौके पर भी काम कर रहा हा ! तरस आता है तम पर ! ” चीटी ने जवाब दिया , ” अरे भाई , हम लोग बरसात के लिए खाने की सामग्री एकत्र कर रही हैं । “

गर्मियों के बाद बरसात का मौसम शुरू हुआ । आकाश में बादल छा गए । खुली धूप जाती रही । अब टिड्डे के लिए भोजन जुटाना मुश्किल हो गया । आखिरकार उसके सामने भूखों मरने की समस्या खड़ी हो गई । 

एक दिन टिड्डे ने अपनी दोस्त चींटी का दरवाजा खटखटाया । उसने कहा , ” चींटी बहन , कृपा कर मुझे कुछ खाने के लिए दो । में बहुत भूखा हूँ । ” 

चींटी ने जवाब दिया , ” गर्मी के दिनों में तो तुम गीत गाने में मगन थे और इधर – उधर घूमते रहे , अब बरसात के मौसम में कहीं जा कर नाचो । तुम जैसे आलसी को में एक भी दाना नहीं दे सकती । ” और उसने झट से दरवाजा बंद कर दिया । 

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आज की बचत ही कल काम आती है ।  [/su_box]

6 . लालची कुत्ता 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

एक बार एक कुत्ते को हड्डी का एक टुकड़ा मिल गया । उसे अपने मुँह में पदबा कर वह एक कोने में जा बैठा । वह थोड़ी देर तक उस हड्डी के टुकड़े को चूसता रहा । बाद में थक कर वह वहीं सो गया । जब उसकी नींद खुली तो उसे जोरों की प्यास लगी । मुँह में हड्डी का टुकड़ा दबाए वह पानी की खोज में चल पड़ा । 

वह एक नदी के किनारे गया । पानी पीने के लिए वह झुका , तो उसे पानी में अपनी ही छाया दिखाई दी । उसे लगा , ‘ नदी में कोई दूसरा कुत्ता है । उस कुत्ते के मुँह में भी हड्डी का टुकड़ा है । ‘ कुत्ते के मन में इस हड्डी के टुकड़े को हथिया लेने का विचार आया । 

उसने गुस्से में आ कर जैसे ही भौंकने के लिए मुँह खोला , तो उसके मुँह से हड्डी का टुकड़ा नदी में जा गिरा । लालच में उसने अपने मुँह की हड्डी भी गँवा दी । 

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लालच का फल बुरा होता है । [/su_box]

7. मधुमक्खी और कबूतर 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

Short Moral Stories In Hindi For Class 7

एक मधुमक्खी थी । एक बार वह उड़ता हुई तालाब के ऊपर से जा रही थी । अचानक वह तालाब के पानी में गिर गई । उसक पख गीले हो गए अब वह उड़ नहीं सकती थी । उसकी मृत्यु निश्चित थी । 

तालाब के पास पेड़ पर एक कबूतर बेठा हुआ था । उसने मधुमक्खी को पानी में डूबते हुए देखा । कबूतर ने पेड़ से एक पत्ता तोड़ा । उसे अपनी चोंच में उठा कर तालाब में मधुमक्खी के पास गिरा दिया । धीरे – धीरे मधुमक्खी उस पत्ते पर चढ़ गई । थोड़ी देर में उसके पंख सूख गये । उसने कबूतर को धन्यवाद दिया । फिर वह उड़ कर दूर चली गई । 

कुछ दिन के बाद कबूतर पर एक संकट आया । वह एक पेड़ की डाली पर आँख मूंद कर सो रहा था । तभी एक लड़के ने अपनी गुलेल से उस पर निशाना साधा । कबूतर इस खतरे से अनजान था । मगर मधुमक्खी ने लड़के को निशाना साधते हुए देख लिया था । 

मधुमक्खी उड़ कर लड़के के पास पहँची । उसने लड़के के हाथ में डस लिया । लड़के के हाथ से गुलेल गिर पड़ा । दर्द के मारे वह जोर – जोर से चीखने लगा । लड़के की चीख सुन कर कबूतर जाग गया । उसने अपनी जान बचाने के लिए मधुमक्खी को धन्यवाद दिया और मजे से उड़ गया । 

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अच्छे लोग हमेशा दूसरे की मदद करते हैं । [/su_box]

8 . किसान और जादुई बतख । 

( Moral Stories In Hindi For Class 9 )

एक किसान के पास एक जादुई बतख थी । वह रोज सोने का एक अंडा देती थी । किसान सोने के अंडे को बाजार में बेच देता था । इससे उसे अच्छी आमदनी हो जाती थी । थोड़े ही दिनों में किसान अमीर हो गया । उसने एक विशाल मकान बनवाया । इसमें वह अपनी पत्नी तथा बच्चों के साथ आनंद से रहने लगा । 

बहुत दिनों तक इसी प्रकार चलता रहा । एक दिन किसान ने सोचा , ‘ यदि मैं इस बतख के शरीर से सारे अंडे एक साथ ही निकाल लूँ , तो मालामाल हो जाऊँगा । ‘ 

किसान ने एक बड़ा – सा चाकू लिया और बतख का पेट चीर डाला । परंतु बतख के पेट में से उसे एक भी अंडा नहीं मिला । किसान को अपनी गलती पर बहुत दुःख हुआ । वह पछताने लगा । 

उसकी हालत पागलों जैसी हो गई । बतख मर गई थी । उसे बतख से रोज सोने का एक अंडा मिलता था । अब उसे वह कभी नहीं मिल सकता था । 

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लालच बुरी बला है ।  [/su_box]

conclusion

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