नमस्कार दोस्तों आज में आपको Top 10 Moral stories in hindi for Kids के बारे में बताने जा रहा हु . इस कहानी को पढने के बाद आपको अंत में एक सिख भी मिलती है. ये कहानी बच्चो के लिए सबसे अच्छी है. ये कहानी आपको अपने बच्चो को जरुर सुनानी चाहिए . अगर आपको ये कहानी पढ़कर अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी share करे.
कहानियों के विषय में –
- छोटे बच्चों को कहानियाँ सुनना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है ।
- वे घर के लोगों से कहानियाँ सुनाने की हठ करते हैं ।
- बड़े – बुजुर्गों द्वारा कही गई कहानियाँ वे बहुत रुचि से सुनते हैं ।
- इस पुस्तक की कहानियाँ बच्चों के मनोविज्ञान , उनकी विशिष्ट पसंद , परिसर के बारे में । उनकी उत्सुकता , उनकी कल्पनाशीलता आदि बातों के आधार पर रची हुई हैं ।
- प्रत्येक कहानी के अंत में उसमें निहित संदेश भी दिया गया है , जो बच्चों के भावी जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा ।
20+ 10 Lines Short Stories In Hindi With Moral
- माँ का प्यार
- असली माँ
- भेड़ के वेश में भेड़िया
- लालची बंटी
- चतुर खरगोश
- गधे का दिमाग
- नमक का व्यापारी और गधा
- मकड़ी की सीख
- वफादार नेवला
- डरपोक घोड़ा
Top 10 Moral stories in hindi for Kids
1. माँ का प्यार
( Short Story in Hindi for kids )
एक परी थी । एक बार उसने घोषणा की – ” जिस प्राणी का बच्चा सबसे ज्यादा सुंदर होगा , उसे मैं कीमती पुरस्कार दूंगी । ‘
यह सुन कर सभी प्राणी अपने – अपने बच्चों के साथ एक स्थान पर जमा हो गए । परी ने एक – एक कर सभी बच्चों को ध्यान से देखा । जब उसने बंदरिया के चपटी नाकवाले बच्चे को देखा , तो वह बोल उठी , “ छिः ! कितना कुरूप है यह बच्चा ! इसके माता – पिता को तो कभी पुरस्कार नहीं मिल सकता । ” । Hindi short stories with moral for kids
परी की यह बात सुन कर बच्चे की माँ के दिल को बहत ठेस लगी । उसने अपने बच्चे को हृदय से लगा लिया और उसके कान के समीप अपना मुँह ले जा कर कहा , ” तू चिंता न कर मेरे लाल ! मैं तुझे बहुत प्यार करती हूँ । मेरे लिए तो तू ही सबसे बड़ा पुरस्कार है । मैं कोई दूसरा पुरस्कार प्राप्त करना नहीं चाहती । भगवान तुझे लंबी उम्र दे । “
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दुनिया की कोई चीज मां के प्यार की बराबरी नहीं कर सकती [/su_box]
2 . असली माँ
( Latest Short Story in Hindi )
एक बार दो स्त्रियाँ एक बच्चे के लिए झगड़ रही थीं । प्रत्येक स्त्री यह दावा कर रही थी कि वही उस बच्चे की असली माँ है । जब किसी तरह झगडा नहीं सुलझा , तो लोगों ने उन दोनों को न्यायाधीश के सामने पेश किया ।
न्यायाधीश ने ध्यानपूर्वक दोनों की दलीलें सुनी । न्यायाधीश के लिए भी यह निर्णय करना मुश्किल हो गया कि बच्चे की असली माँ कौन थी ।
वह न्यायाधीश ने बहुत सोच – विचार किया । आखिरकार उसे एक उपाय सझा । उसने अपने कर्मचारी को आदेश दिया , ” बच्चे के दो टुकड़े कर दो और एक – एक टुकड़ा दोनों स्त्रियों को दे दो । ”
फिर उसके बाद न्यायाधीश का आदेश सुन कर उनमें से एक स्त्री ने धाड़ मार कर रोते हुए कहा , ” नहीं , नहीं ! ऐसा जुल्म मत करो । दया करो सरकार । भले ही यह बच्चा इसी स्त्री को दे दो , लेकिन मेरे लाल को जिंदा रहने दो । मैं बच्चे पर अपना दावा छोड़ देती हूँ । “
पर दुसरी स्त्री कुछ नहीं बोली । वह चुपचाप यह सब देखती रही । Hindi short stories with moral for kids
अब चतुर न्यायाधीश को मालूम हो गया था कि बच्चे की असली माँ कौन है । उसने बच्चा उस स्त्री को सौंप दिया , जो उस पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार थी । उसने दूसरी स्त्री को जेल भेज दिया । Hindi short stories with moral for kids
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सच्चाई की सदा विजय होती है । [/su_box]
3 . भेड़ के वेश में भेड़िया
( Amazing Short Story in Hindi )
एक दिन एक भेड़िए को कहीं से भेड की खाल मिल गई । खाल ओढ़ कर वह मैदान में चर रही भेड़ों के झंड में शामिल हो गया । भेड़िए ने सोचा , ‘ सूर्य अस्त हो जाने के बाद गड़रिया भेडों को बाड़े में बंद कर देगा । भेड़ों के साथ मैं भी बाड़े में घुस जाऊँगा । रात को किसी मोटी भेड़ को उठा कर भाग जाऊँगा और मजे से उसे खाऊँगा । ‘
शाम हुई तो गड़रिया भेड़ों को बाड़े में बंद कर घर चला गया । भेड़िया चुपचाप अँधेरा होने का इंतजार करने लगा । धीरे – धीरे अँधेरा गहराने लगा । यहाँ तक तो सब कुछ भेड़िए की योजना के अनुसार ही हुआ । फिर एक अनहोनी घटना घट गई
एकाएक गड़रिए का नौकर बाड़े में आया । उसके मालिक ने रात के भोजन के लिए किसी मोटी भेड़ को लाने के लिए उसे भेजा था । संयोग से नौकर भेड़ की खाल ओढ़े भेड़िए को ही उठा कर ले गया और उसे हलाल कर डाला ।
भेड़िया भेड़ खाने के लिए आया था , परंतु उस रात वह गड़रिए और उसके मेहमानों का आहार बन गया ।
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बुरा सोचने वाले का अंत बुरा ही होता है । [/su_box]
4 . लालची बंटी
( Awesome Short Stories in Hindi for Children )
बंटी नाम का एक प्यारा लड़का था । उसे टाफियाँ बहुत पसंद थीं । दिन वह अपनी माँ के साथ अपनी मौसी के घर गया । मौसी बंटी आदत से परिचित थी । इसलिए वह टाफियों से भरा मर्तबान ही उसके लिए खरीद लाई थी ।
मौसी ने अलमारी से टाफियों का मर्तबान निकाल कर बंटी के सामने राख दिया । बंटी इतनी सारी टाफियाँ देख कर पुलकित हो गया । मौसी ने कहा , ” बंटी , तुम्हें जितनी टाफियाँ चाहिए , बेहिचक ले लो । ” बंटी ने झटपट मर्तबान का ढक्कन खोल कर हाथ भीतर डाल दिया । उसने ढेर सारी टाफियाँ अपनी मुट्ठी में भर लीं । Hindi short stories with moral for kids
मर्तबान का मुँह बहुत ही छोटा था । टाफियों से भरी बंटी की मुट्ठी मर्तबान के मुँह से बड़ी हो गई थी । इसलिए बंटी का हाथ बाहर नहीं निकल पा रहा था । उसने बहुत कोशिश की । अपने दूसरे हाथ से मर्तबान को आगे – पीछे सरकाया । उसे तेजी से गोल – गोल घुमाया । पर उसका हाथ मर्तबान से बाहर नहीं निकला । Hindi short stories with moral for kids
बंटी की परेशानी देख कर माँ ने कहा , “ बेटे ! अक्ल से काम लो । अपनी मुट्ठी खोल कर कुछ टाफियाँ मर्तबान में गिरा दो । फिर तुम्हारा हाथ आसानी से बाहर निकल आएगा । ” बंटी ने वैसा ही किया । उसका हाथ आराम से मर्तबान से बाहर आ गया ।
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अधिक लालच करना अच्छा नहीं होता । [/su_box]
5 . चतुर खरगोश
( Hindi Kids Story in Short )
एक जंगल में शेर और अन्य प्राणियों के बीच समझौता हुआ था । शेर के भोजन एके लिए रोज एक प्राणी को उसकी गुफा में जाना पड़ता था । एक दिन एक खरगोश की बारी आई । उसे शेर के भोजन के समय तक उसकी गुफा में पहुँचना था । खरगोश बहुत चतुर था । उसने दुष्ट शेर को खत्म करने की योजना बनाई ।
खरगोश जानबूझ कर बहुत देर से शेर के पास पहँचा । अब तक शेर के भोजन का समय बीत चुका था । उसे बहुत जोर की भूख लगी थी । इसलिए खरगोश पर उसे बहुत गुस्सा आया । ”
तुमने आने में इतनी देर क्यों कर दी ? ‘ ‘ शेर ने गरजते हुए पूछा । ” महाराज , क्या करूँ ? ‘ खरगोश ने बहुत ही नम्रतापूर्वक जवाब दिया , ” रास्ते में एक दूसरा शेर मिल गया था । वह मेरा पीछा करने लगा । बहुत मुश्किल से मैं उससे पिंड छुड़ा कर यहाँ आ पाया हूँ । “
दूसरा शेर ? और वह भी इस जंगल में ? ” शेर ने गुस्से से पूछा । ” हाँ महाराज , दसरा शेर ! वह कहाँ रहता है , यह मुझे मालूम है । आप मेरे साथ चलिए । मैं आपको अभी दिखाता हूँ । ” खरगोश ने कहा ।
शेर खरगोश के साथ तुरंत ही चल पड़ा । खरगोश उसे एक कुएँ के पास ले गया और बोला , “ महाराज , यहाँ रहता है वह । आइए , अंदर देखिए ।
” शेर ने कुएँ में झाँक कर देखा । पानी में उसे अपनी ही परछाईं दिखाई दी । उसने उस परछाईं को दूसरा शेर समझ लिया और गुस्से में आ कर जोर से गर्जना की । उसने देखा कि कुएँ का शेर भी उसकी ओर देख कर दहाड़ रहा है । तब शेर अपने गुस्से पर काबू न रख सका । उसने कुएँ में छलाँग लगा दी और पानी में डूब कर मर गया । इस तरह शेर का अंत हो गया ।
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बुद्धि ताकत से बड़ी होती है । [/su_box]
6 . गधे का दिमाग
( Short Moral Story in Hindi )
एक था शेर । वह जंगल का राजा था । एक सियार उसका मंत्री था । शेर रोज अपने भोजन के लिए एक जानवर का शिकार करता था । इस शिकार में से एक हिस्सा सियार को भी मिलता था मंत्री के रूप में सेवा करने का यह उसका मेहनताना था ।
एक दिन शेर बीमार हो गया । वह शिकार करने के लिए गुफा से बाहर नहीं जा सका । उसने सियार से कहा , ” आज मैं शिकार के लिए बाहर नहीं जा सकता । पर मुझे बहुत जोर की भूख लगी है । तुम जाओ और किसी प्राणी को यहाँ ले आओ , ताकि उसे खा कर मैं अपनी भूख मिटा सकूँ । “
सियार ने अपने मन में विचार किया , ‘ कोई जानवर अपनी खुशी से शेर के पास नहीं आएगा ! तो अब मैं क्या करूँ ! ‘ बहुत विचार करने पर उसे एक तरकीब सूझी । उसने सोचा , ‘ गधा सबसे बेवकूफ प्राणी है । मैं उसे झाँसा दे कर यहाँ ला सकता हूँ ।
सियार गधे के पास गया और बोला , ” गधे भाई , मैं तुम्हारे लिए एक खुशखबरी लाया हूँ । जंगल के राजा शेर ने तुम्हें अपना मंत्री बनाने का निश्चय किया है तुम अभी मेरे साथ चल कर उनसे भेंट कर लो । “
यह सुन कर गधे को बहुत खुशी हुई । वह सियार के साथ शेर की गुफा गया । उसको देखते ही भूखा शेर उस पर टूट पड़ा और उसने गधे को मार डाला । फिर उसने सियार से कहा , ” मैं नदी में स्नान करके आता हूँ । तब तक तुम इस शिकार का ख्याल रखना । ”
शेर नदी में नहाने चला गया । सियार भी बहुत भूखा था । शेर के नदी से लौट कर आने के पहले ही सियार ने जल्दी – जल्दी गधे का दिमाग खा लिया ।
थोड़ी देर के बाद शेर वापस लौटा । उसने गधे की ओर देख कर कहा , “ अरे , इस गधे का दिमाग कहाँ गया ? ”
सियार ने मुसकराते हुए कहा , “ महाराज , अगर गधे को दिमाग होता , तो क्या वह यहाँ आता ? गधे को तो दिमाग होता ही नहीं । ”
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संकट में साहस होना आधी सफलता प्राप्त कर लेना है । [/su_box]
7 . नमक का व्यापारी और गधा
( Stories in Hindi for Kids )
नमक के एक व्यापारी के पास एक गधा था । वह व्यापारी रोज सुबह अपने गधे पर नमक की बोरियाँ लाद कर आसपास के गाँवों में नमक बेचने जाता था ।
आसपास के गाँवों में जाने के लिए उसे एक छोटी नदी पार करनी पड़ती थी । एक दिन नदी पार करते समय गधा अचानक पानी में गिर पड़ा इससे गधे की पीठ पर लदा हुआ ढेर – सारा नमक पानी में घुल गया । अब गधे का बोझ काफी हलका हो गया । नमक का व्यापारी गधे को ले कर घर वापस लौट आया । उस दिन गधे को अच्छा आराम मिल गया ।
दूसरे दिन फिर वह व्यापारी रोज की तरह गधे पर नमक की बोरियाँ लाद कर नमक बेचने निकला । उस दिन भी नदी को पार करते समय गधा जानबूझ कर पानी में बैठ गया । उसकी पीठ का बोझ फिर हलका हो गया । व्यापारी उस दिन भी गधे को ले कर घर वापस लौट आया ।
पर नमक के व्यापारी के ध्यान में आ गया कि आज गधा जानबूझ कर पानी में बैठ गया था । उसे गधे पर बहुत गुस्सा आया । इसलिए उसने डंडे से गधे की खूब पिटाई की । उसने मन – ही – मन में कहा , ‘ मूर्ख प्राणी , तू मुझसे ही चालाकी करता है । मैं तुझे सबक सिखाए बिना नहीं रहँगा । ‘ ।
अगले दिन नमक के व्यापारी ने गधे की पीठ पर रुई के गट्ठर लादे । गधे ने फिर वही तरकीब आजमाने का निश्चय किया । नदी आते ही वह पानी में बैठ गया । पर इस बार उलटा ही हुआ । रुई के गट्ठरों ने खूब पानी सोखा और गधे की पीठ का बोझ पहले से कई गुना बढ़ गया । पानी से बाहर आने में गधे को बहुत मेहनत करनी पड़ी ।
उस दिन के बाद से गधे ने पानी में बैठने की आदत छोड़ दी ।
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मूर्ख सबक सिखाने से ही काबू में आते हैं । [/su_box]
8 . मकड़ी की सीख
( Short Stories in Hindi for Students )
एक बार दो राजाओं के बीच युद्ध छिड़ गया । उनमें से एक राजा के पास सेना बहुत कम थी । वह बहत बहादुरी से लड़ा । लेकिन शत्रु की विशाल सेना ने उसकी सेना को हरा दिया । अपनी जान बचाने के लिए वह जंगल की ओर भाग गया ।
विजयी राजा ने उसका पीछा करने के लिए अपने सैनिक भेजे । वह उसे जान से मार डालना चाहता था । पर पराजित राजा एक गुफा में छिप गया । इसलिए वह उन सैनिकों के हाथ नहीं लगा । उसकी जान बच गई । वह बहुत दु : खी हो गया था और हिम्मत हार बैठा था ।
एक दिन उदास हो कर राजा गुफा में लेटा हुआ था । तभी उसका ध्यान एक छोटी – सी मकड़ी की ओर गया । वह गुफा की छत के एक कोने में जाला बुनने की कोशिश कर रही थी । वह सरपट दीवार पर चढ़ती । बीच में जाले का कोई धागा टूटता और वह जमीन पर आ गिरती ।
बार – बार यही क्रम चलता रहा । पर मकड़ी हिम्मत नहीं हारी । वह बार – बार कोशिश करती रही । आखिरकार जाला बुनते – बुनते वह छत तक पहुँचने में सफल हो गई । उसने पूरा जाला बुन कर तैयार कर दिया ।
राजा ने सोचा , ‘ यह रेंगनेवाली नन्ही – सी मकड़ी बार – बार असफल होती रही , लेकिन इसने कोशिश करना नहीं छोड़ा । मैं तो राजा हूँ । फिर मैं कोशिश करना क्यों छोड़ दूं ? मुझे अवश्य फिर से कोशिश करनी ही चाहिए । ‘
उसने दुश्मन से एक बार फिर युद्ध करने का निश्चय किया ।
राजा जंगल से बाहर निकल कर अपने विश्वासपात्र सहयोगियों से मिला । उसने अपने राज्य के शूर – वीरों को एकत्र किया और एक शक्तिशाली सेना खड़ी की । उसने पूरी ताकत से दुश्मन पर चढ़ाई कर दी । वह वीरतापूर्वक लड़ा । आखिरकार उसकी विजय हुई । उसे अपना राज्य वापस मिल गया । राजा उस मकड़ी को जिंदगी भर नहीं भूल सका , जिसने उसे सदा प्रयास करते रहने का सबक सिखाया था ।
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असफलताओं से जूझने वालों को कभी – न – कभी सफलता अवश्य मिलती है । [/su_box]
9. वफादार नेवला
( Animal Short Stories in Hindi )
रामदास और सावित्री पति – पत्नी थे । उनके एक पुत्र था । उसका नाम महेश ‘ था । उन्होंने अपने घर में एक नेवला पाल रखा था । महेश और नेवला एक – दूसरे से बहुत हिल – मिल गए थे । दोनों पक्के दोस्त थे ।
एक दिन रामदास अपने खेत पर गया था । सावित्री भी किसी काम से बाहर गई थी । महेश पालने में गहरी नींद में सो रहा था । नेवला पालने के पास बैठ कर उसकी रखवाली कर रहा था । एकाएक नेवले की नजर एक साँप पर पड़ी । वह महेश के पालने की ओर ही सरपट आ रहा था नेवले ने उछल कर साँप की गरदन दबोच ली । फिर तो साँप और नेवले में जम कर लड़ाई हुई । अंत में नेवले ने साँप को मार डाला ।
थोड़ी देर बाद नेवले ने सावित्री को घर की ओर आते देखा । मालकिन का स्वागत करने के लिए वह दौड़ कर दरवाजे पर जा पहुँचा । सावित्री नेवले के खून से सने मुँह और पंजे देख कर चकित रह गई । उसे शंका हुई कि नेवले ने उसके बेटे को मार डाला है । वह गुस्से से पागल हो गई । उसने बरामदे में पड़ा हआ डंडा उठाया और पीट – पीट कर नेवले को मार डाला ।
इसके बाद वह दौड़ती हुई अंदर के कमरे में गई । महेश को सुरक्षित देख कर उसे बहुत खुशी हुई । इतने में उसकी नजर मरे हुए साँप पर पड़ी । उसे अपनी गलती समझते देर नहीं लगी । वह विलाप करने लगी । जिस विश्वासपात्र नेवले ने उसके बेटे की जान बचाई थी , उसी को उसने मार डाला था । उसे अपार दुःख हुआ । मगर अब पश्चात्ताप करने से कोई फायदा नहीं था ।
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बिना विचारे जो करे , सो पाछे पछताय । [/su_box]
10. डरपोक घोड़ा
( Top 10 Moral stories in hindi for Kids )
एक बार एक घोड़ा एक आदमी के पास आया और कहने लगा , ” भाई , मेरी मदद करो । जंगल में एक बाघ आ गया है । वह मुझे मार डालना चाहता है । ”
आदमी ने कहा , ” अरे मित्र , चिंता मत करो ! वह बाध तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता । बाघ से मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा । ” ‘
घोड़े ने कहा , ” मैं तुम्हारा बहुत आभारी रहूँगा । ”
आदमी ने कहा , ” पर तुम्हें एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा । मैं जैसा कहँगा , तुम्हें वैसे ही करना होगा । ‘ ‘ ।
घोड़े ने कहा , ” मुझे क्या करना होगा ? ”
आदमी ने कहा , ” तुम्हें अपनी पीठ पर काठी और मुँह में लगाम डालने की अनुमति मुझे देनी होगी । ”
घोड़े ने कहा , तुम जो चाहो , सो करो । पर कृपा करके मुझे उस बाघ से बचा लो.
आदमी ने घोड़े की पीठ पर काठी कसी । उसने उसके मुँह में लगाम लगाई । इसके बाद वह घोड़े पर सवार हुआ और दौड़ाते हुए उसे अपने अस्तबल में ले आया ।
आदमी ने घोड़े को अस्तबल में बाँधते हुए कहा , ” अब तुम इस अस्तबल में एकदम सुरक्षित हो । जब मैं तुम्हें बाहर ले जाऊँगा , तब मैं तुम्हारी पीठ पर सवार रहँगा । मैं तुम्हारे साथ रहूँगा , तो बाघ तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकेगा । ” इसके बाद आदमी ने अस्तबल का दरवाजा बंद किया और चला गया ।
अब घोड़ा अस्तबल में कैद हो गया था । उसने मन – ही – मन सोचा , ‘ मैं यहाँ सुरक्षित जरूर हूँ , पर स्वतंत्र नहीं हूँ । मैंने सुरक्षा प्राप्त की , पर अपनी आजादी गँवा दी । यह तो बहुत बुरा सौदा हुआ । पर अब मैं विवश हूँ । ‘
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स्वतंत्रता की कीमत पर सुरक्षा किस काम की ? [/su_box]
My Last Word
कुछ ऐसी ही Top 10 Moral stories in hindi for Kids हम अक्सर आपके लिए लेकर आते रहते हैं । दोस्तों अगर आप इसी तरह की Best Hindi short stories with moral के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो हमारे साइट को सब्सक्राइब कर लीजिए क्योंकि हम आपके लिए DAILY ऐसी ऐसी मजेदार कहानिया लेकर आते रहेंगे अगर आपको हमारी यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें. Hindi short stories with moral for kids
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