Marghat Wale Baba – मरघट वाले बाबा हनुमान प्रसिद्ध मंदिर

जैसा कि हम जानते हैं कि दिल्ली में कई सारे हनुमान मंदिर फेमस है। वही दिल्ली में एक या दो नहीं बल्कि कई हनुमान मंदिर स्थित है। जैसे कि चाणक्यपुरी का प्राचीन श्री हनुमान मंदिर, करोल बाघ स्थित संकट मोचक मंदिर और भी ऐसे ही कई प्रसिद्ध हनुमान मंदिर स्थित है। दरअसल, हनुमान जी के लिए सभी भक्तों के मन में काफी मान्यताएं होती है। वही आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि इन्हीं में से एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर दिल्ली के यमुना बाजार इलाके में भी मौजूद है।

यह प्रसिद्ध हनुमान मंदिर कश्मीरी गेट के पास स्थित हैं। दरअसल, इस हनुमान मंदिर को लेकर भक्तों के मन में काफी मान्यताएं है। यही वजह है कि हर शनिवार और मंगलवार को इस हनुमान मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त जनों की भीड़ लगी रहती है, जो दूर दूर से हनुमान जी के दर्शन के लिए आते है। वही आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यमुना बाजार इलाके का यह हनुमान मंदिर मरघट वाले बाबा के नाम से फेमस है।

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यह हनुमान मंदिर आखिर मरघट वाले बाबा के नाम से क्यों फेमस है। आखिर इसकी कहानी क्या है। यदि आपके मन में भी कुछ इस तरह के सवाल है कि हनुमान मंदिर मरघट वाले बाबा के नाम से क्यों प्रसिद्ध है, तो आपके लिए हमारा लेख काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। क्योंकि आज के लेख में मैं आप सभी को मरघट वाले बाबा के नाम से जाने जानें वाले इस  हनुमान मंदिर से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी लेकर हाजिर हुआ हूं।

जी हां देखा जाएं तो आज भी अधिकांश व्यक्ति को इस मरघर वाले बाबा मंदिर के इतिहास के बारे में नहीं पता है और यही वजह है कि आए दिन गूगल पर लोग इसकी जानकारी ढूंढते रहते है। यदि आप भी इंटरनेट पर मरघट वाले बाबा मंदिर के बारे में जानकारी ढूंढ रहे है, तो हमारे आज के इस Marghat Wale Baba Mandir के पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहें।

दिल्ली के जमुना बाजार इलाके में स्थित है यह हनुमान मंदिर

सबसे पहले तो आप सभी को यह बता दूं कि यह शक्तिशाली और प्रसिद्ध मंदिर देश भर में मरघट वाले बाबा मंदिर से जाने जाते है। जैसा कि मैंने आप लेख के शुरुआत में भी बताया है कि यह हनुमान मंदिर जमुना बाजार इलाके में मौजूद है। यहां पर वैसे तो हर दिन ही भिड़ लगी होती है।

लेकिन विशेष तौर पर इस मंदिर में शनिवार और मंगलवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर साक्षात हनुमान जी प्रकट हुए थे। तो चलिए अब विस्तार से इस मरघट वाले बाबा मंदिर के बारे में जान लेते है।

क्या हनुमान जी ने इस स्थान पर विश्राम किया था?

दरअसल, कई लोगों ने यह सुना हैं कि हनुमान जी विश्राम के लिए इसी जगह पर रुके थे। अब सभी के मन में यह सवाल है कि क्या सच में हनुमान जी ने इस स्थान पर विश्राम किया था, तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी इसी स्थान पर रुके थे।

दरअसल, ऐसी मान्यता है कि जब रामायण काल में हनुमान जी लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेकर पुनः वापस जा रहें थे, तब उस दौरान विश्राम के लिए हनुमान जी इसी स्थान पर रुके थे। कहा जाता है कि जब हनुमान जी आसमान मार्ग से जा रहें थे उन्हें यह यमुना नदी दिखी और वे यहीं पर थोड़ी देर के लिए रुक गए थे।

इसके साथ ही आपको बता दूं कि जब हनुमान जी इस जगह पर रुके थे, तो यह जगह उस समय पूरी तरह से शमशान घाट थी। हनुमान जी के आगमन से सभी बुरी आत्माओं में जैसे हाहाकार सा मैच गया था। वही हनुमान जी ने सभी बुरी आत्माओं को मुक्त कर दिया था। चूंकि, उस समय यह जगह मरघट थी इसलिए इस मंदिर को आज भी मरघट वाले बाबा के नाम से जानते है।

मरघट वाले बाबा मंदिर का इतिहास – Marghat Wale Baba hanuman

आपने हमारे अभी तक के लेख में यह तो जान ही चुके होंगे कि हनुमान मंदिर आखिर मरघट वाले बाबा मंदिर के नाम से क्यों प्रसिद्ध है। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि सभी बुरी आत्माओं को मुक्त करने के बाद हनुमान जी ने माता यमुना जी के दर्शन भी किए। इसके साथ ही यमुना जी ने हनुमान जी से यह भी कहा कि मैं हर वर्ष यहां जरूर आया करूंगी और आपका एक विशाल मंदिर भी यहां पर मौजूद होगा।

वही आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि हर वर्ष यमुना नदी का स्तर बढ़ कर मंदिर तक आता हैं। हालांकि, निर्माण काल के बाद से यमुना नदी की धारा मंदिर तक नहीं पहुंच पाती हैं। परंतु, यहां पर मौजूद महंत और ऋषि मुनि का कहना है कि कुछ वर्षो के अंतराल में यहां एक न एक बार बाढ़ जरूर आती है।

ऐसा कहा जाता है कि जब भी माता यमुना जी को हनुमान जी के दर्शन करने होते है, तो वे विशाल से विशाल रूप धारण कर मंदिर तक पहुंच ही जाती है। मंदिर के सामने ही आज भी यहां पर शमशान घाट मौजूद है। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर सभी आत्मा अंतिम यात्रा में आया करती है जिसके बाद हनुमान जी खुद ही सभी आत्मा को मुक्त करते है।

देखा जाए तो हर शनिवार और मंगलवार को भक्त अपने मन की मुरादो को पूरा करने के लिए इस प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए आया करते है। दरअसल, मरघट वाले बाबा मंदिर में लोगों की मनुकमनाएं पूर्ण होती है। यदि सच्चे मन से हनुमान जी से इस मंदिर में कुछ मांगा जाए, तो हनुमान जी अपने भक्तो की सभी मांग पूरी करते है।

हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर जहां पर हर मनोकामना होती है पूर्ण

क्या आप भी हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर के बारे में जानना चाहते हैं, यदि हां तो आपके लिए आगे का यह पोस्ट काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। क्योंकि अब मैं आपको अपने आगे के लेख में कुछ ऐसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर की जानकारी साझा करने जा रहा हूं, जहां पर हर मनोकामनाएं पूरी होती है। जी हां इसलिए आप सभी से निवेदन है कि हमारे पोस्ट के अंत तक बने रहें।

झांसी में स्थित हनुमान मंदिर | Human Temple of Jhansi

आपने कभी न कभी झांसी में स्थित चमत्कारी हनुमान मंदिर के बारे में तो जरूर सुना होगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित हनुमान मंदिर काफी प्रसिद्ध है। दरअसल, हनुमान मंदिर के चारों तरफ़ केवल पानी ही पानी बिखरा नजर आता है। लेकिन आप यह जान कर चौक जाएंगे कि आखिर इस मंदिर के चारों तरफ पानी आते कहा से है।

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि हनुमान जी की इस मंदिर की पूजा पानी के बीचों बीच ही की जाती है। वही आप यह जान कर चौक जाएंगे कि एक बार की झांसी में स्थित हनुमान जी की मूर्ति से आंसू भी गिरने लगें थे जिसके बाद भक्तों ने भजन कीर्तन किया तो आंसू गिरने बंद हो गए थे।

इसके साथ ही आपको यह जान कर भी हैरानी होगी की यहां पर आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां पर हनुमान जी के दर्शन के लिए आते है, उन्हें कभी भी चर्म रोग जैसी समस्या नहीं होती है। इसके साथ ही नेत्र रोग से भी यहां पर आने से छुटकारा मिल जाता है।

यही कारण है कि यहां पर लाखों की संख्या ने लोग मंगलवार को दर्शन करने के लिए आते है। हालांकि, देखा जाए तो इस हनुमान मंदिर में हर रोज भीड़ लगी रहती है लेकिन मंगलवार को खास कर यहां पर पैर रखने तक की जगह नहीं बचती है। ऐसे में अगर आप भी अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, तो झांसी में स्थित हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं।

प्रयाग में संगम किनारे स्थित लेते हुए प्रसिद्ध हनुमान मंदिर

आपने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के बारे में कभी न कभी तो जरुर सुना होगा। इस हनुमान मंदिर से जुड़ी भी एक दिलचस्प कथा सुनने को मिलती है। जी हां ऐसा कहा जाता है कि जब हनुमान जी लंका में जाकर युद्ध करके वापस हो रहें थे, तो उन्होंने प्रयागराज में आकर ही थोड़ी देर विश्राम किया था।

ऐसा कहा जाता है कि उस वक्त हनुमान जी उतने ज्यादा थक चुके थे कि उन्होंने अपनी जीवन लीला यही पर समाप्त करने का विचार कर लिया था। लेकिन उस समय माता सीता ने सिंदूर का लेप लगाकर हनुमान जी को ठीक कर दिया था। तब से लेकर अब तक जब भी सच्चे मन से इस मंदिर में जाकर सिंदूर चढ़ाते है, तो हनुमान जी खुश हो जाते हैं और सभी की मनोकामना पूरी कर देते है।

FAQ

Q1. हनुमान जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन से राज्य में है?

हनुमान जी का सबसे बड़ा मंदिर बालाजी मंदिर, मेहंदीपुरा (राजस्थान) में है।

Q2. हनुमान जी किस गुफा में रहते है?

जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि हनुमान जी का जन्म अंजनी गुफा में हुआ था। वही ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी इसी गुफा में रहते है।

निष्कर्ष

आशा करता हूं कि आपको हमारा आज का Marghat Wale Baba hanuman Mandir का यह पोस्ट पसंद आया होगा। क्योंकि आज के लेख में मैंने आप सभी को Marghat Wale Baba Mandir से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया है। इसके साथ ही अगर आपको हमारे आज के इस मरघट वाले बाबा के पोस्ट को पढ़कर कोई सवाल पूछना हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं। साथ ही पोस्ट पसंद आए, तो शेयर करना ना भूलें।

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