किडनी स्टोन (Kidney Stone in Hindi) या गुर्दे में पथरी, प्रकार, लक्षण, कारण और उपचार से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं
हैलो फ्रेंड्स, क्या आपने पथरी नाम की बीमारी सुनी है?, या दोस्तों आपने गुर्दे की पथरी, या पित्त की थैली की पथरी का नाम जरूर सुना होगा। या आपके आसपास कभी किसी को पथरी की समस्या जरूर हुई होगी? और अगर आपने पथरी का नाम नहीं सुना, और अगर आप पथरी, और पथरी कैसे होती है? के बारे में जानना चाहते हैं तो, दोस्तों हमारा यह आर्टिकल आपके लिए काम का साबित होने वाला है।
पथरी, कैल्शियम और लवण के कारण बनने वाले स्टोन को कहते हैं। जो मनुष्य के शरीर के अंदर होती है। अब आप सोच रहे होंगे कि मनुष्य के शरीर के अंदर स्टोन कैसे हो सकता है? तो दोस्तो हम अपने इस अर्टिकल से आपको इस सवाल का जवाब भी देंगे। आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको पथरी व “ पथरी कैसे होती है “ से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं। दोस्तों हम आपको अपने अर्टिकल में बताएंगे कि –
- पथरी क्या होती है?
- पथरी के लक्षण क्या होते हैं?
- पथरी कैसे होती है?
- पथरी से बचने के उपाय?
- पथरी का मरीज किस भोजन का सेवन करें? व किस भोजन का सेवन न करें?
आदि सारी जानकारी हम आपको अपनी इस आर्टिकल में देने वाले हैं। पथरी से जुड़ी सारी जानकारी के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
पथरी क्या होती है? Kidney Stone in Hindi
दोस्तों, पथरी हमारे शरीर के अंदर खनिज एवं लवण की वजह से बनने वाला स्टोन होता है। यह कैल्शियम और यूरिक एसिड से मिलकर बना होता है। दोस्तों, normaly पथरी एक मूंग के दाल के दाने के बराबर होती है। लेकिन यह एक मटर के दाने के बराबर भी हो सकती है। यह एक प्रकार से हमारे शरीर के अंदर बननें वाला कैल्शियम और खनिजों का एक पत्थर होता है, कई बार विटामिन डी और कैल्शियम के सबस्टांस कि ज्यादा सेवन की वजह से हमारे शरीर में पथरी बन जाती है। जो हमारे पेट के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द देता है। और यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
आजकल के समय में पथरी एक कॉमन बीमारी है, जो हर तीन में से एक व्यक्ति में देखने को मिल जाती है। सही उपचार और परहेज से यह बीमारी आसानी से दवाओं से ही ठीक हो सकती है। किंतु ज्यादा लापरवाही की वजह से कई बार पथरी में ऑपरेशन करने की नौबत भी आ जाती है। हमारे शरीर में पथरी अलग-अलग प्रकार की होती है। अलग-अलग कारणों से यह पेट के अलग-अलग अंगों ( किडनी, पित्त की थैली, आदि। ) में हो सकती है।
पथरी कैसे होती है? –
डॉक्टर्स के अनुसार पथरी होने का मुख्य कारण होता है, शरीर में पानी की कमी। हमारे शरीर में उपस्थित यूरिक एसिड अम्लीय होता है। जो कि अम्लीय होने की वजह से ज्यादा गाढ़ा होता है। इसे पतला करने के लिए पानी की जरूरत होती है। और पानी की कमी की वजह से मूत्र में अम्लीय मात्रा ज्यादा होने की वजह से एक स्टोन बन जाता है। जोकि अम्लीय गुर्दे की पथरी कहलाता है। अगर यह स्टोन शरीर में ज्यादा समय तक रहे तो, आगे चलकर बहुत बड़ी दिक्कत बन सकता है।
पित्ताशय की पथरी बनने का मुख्य कारण होता है, पित्ताशय में उपस्थित पित्त रस में मौजूद कोलेस्ट्रॉल व एंजाइमों का पुरा न घुल पाना। जो पित्त में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल व enzymes पूरी तरह नहीं घुल पाते तो कठोर हो जाते हैं, और पथरी बना लेते हैं। इसके अलावा अगर पिक में बहुत ज्यादा मात्रा में बिलीरुबिन होता है तो, यह भी पथरी बनाने का बहुत बड़ा कारण हो जाता है।
इसके अलावा शरीर में कैल्शियम की अधिकता भी पथरी का बड़ा कारण होती है। जब शरीर में कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पाता, और कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो जाती है। तो यह कठोर पत्थर के रूप में बन जाता है, जो पथरी होता है। शरीर में विटामिन डी की कमी की वजह से कई बार कैल्शियम का पूर्ण अवशोषण नहीं हो पाता, और यह कैल्शियम कठोर पत्थर बन जाता है। यही पथरी होती है।
पथरी के बनने के मुख्य कारणों में से एक ज्यादा बैठे रहना, मोटा पन, और उच्च रक्तचाप भी होता है। ज्यादा मोटा व्यक्ति सही से भोजन को डाइजेस्ट नहीं कर पाता। और ज्यादा बैठने की आदत होने की वजह से ही भोजन पचने में परेशानी होती है। जिस कारण भोजन में उपस्थित टॉक्सिक इनग्रेडिएंट्स जमने लगते हैं, और पथरी का निर्माण करते हैं। साथ ही जिस व्यक्ति का रक्तचाप उच्च होता है उसे भी पथरी की संभावना बनी रहती है।
पथरी होने के कारणों में से एक मुख्य कारण है, पेशाब आने पर उसेपथरी होने के कारणों में से एक मुख्य कारण है पेशाब आने पर पेशाब को रोकना। कई बार ऐसा होता है। जब हमें बहुत तेज पेशाब आती है तो, हम उसे रोक देते हैं। या देर तक पेशाब को रोकते रखते हैं। दोस्तों ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है।
कई बार जब हमें बहुत तेज पेशाब आती है, और हम उसे रोकते हैं तो, पेशाब में उपस्थित यूरिक एसिड जमने लगता है। जिस कारण यूरिक एसिड में उपस्थित अम्ल जमने लगता है, और एक कठोर रूप ले लेता है। और पत्थर के रूप में बनने लग जाता है। पेशाब रोकने से किडनी की पथरी का निर्माण हो जाता है। इसलिए कभी भी पेशाब को नहीं रोकना चाहिए।
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से भी पत्थरी का निर्माण हो सकता है। कई लोगों की आदत कच्चे चावल खाने की होती है, कच्चे चावल या मिट्टी, चौक खाने से पथरी बन जाती है। किसी भी कारण से कच्चे चावल मिट्टी या चौक का सेवन नहीं करना चाहिए शरीर में जाकर सही से पच नहीं पाते, और जमा होने लगते हैं। जिससे कि शरीर में पथरी का निर्माण हो जाता है।
यही कुछ विभिन्न कारण होते हैं, जिनसे हमारे शरीर में पथरी बन जाती है। शरीर में कोई भी टॉक्सिक पदार्थ या कठोर पदार्थ अगर बढ़ जाए, या जमने लग जाए, तो यह एक जगह पर मिलकर एक स्टोन का निर्माण कर लेते हैं। यह स्टोन कैल्शियम, टॉक्सिक इनग्रेडिएंट्स, या अम्ल किसी का भी हो सकता है। जो कि पथरी का रूप ले लेता है। इस प्रकार खनिजों, सॉल्ट या किसी भी कठोर पदार्थ से हमारे शरीर में पथरी बनती है।
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पथरी के लक्षण –
अगर आपके पेट में पथरी है, तो आपको कुछ परेशानियां हो सकती है। जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, आपके पेट में पथरी है। जैसे कि –
- निचले पेट, पेट के बगल और पीठ में दर्द का होना।
- अचानक से तेज दर्द का होना और कई मिनट या घंटो तक रहना।
- पेशाब करने मे जलन महसूस होना।
- उल्टी या मितली का होना।
- पेशाब का रंग भूरा या लाल होना।
- पेशाब में खून का आना।
- बिना का के भी जादा पसीना आना।
- पित्त की पथरी होने पर बुखार आने की संभावना भी बनी रहती है।
- यूरिन मार्ग में संक्रमण का होना।
- पेशाब का बार बार होना, व पेशाब में दुर्गंध आना।
- अगर पथरी पित्त में हो तो पेट में ऐठन जैसी दिक्कत भी बार-बार होती है।
पेट में पथरी होने के यही कुछ लक्षण होते हैं। जरूरी नहीं है कि अगर, आपको इनमें से कोई भी दिक्कत हो रही है तो, आपके पेट में पथरी ही हो। लेकिन ज्यादातर चांस यही रहते हैं कि, पेट में पथरी होने पर आपको यही शुरुआती लक्षण देखने को मिलते हैं।
पथरी के अलग-अलग प्रकार –
हमारे शरीर में दो ही अंगो – किडनी, पित्ताशय में हो सकती है। यह अलग-अलग कारणों की वजह से हो जाती है। इस प्रकार से पथरी दो प्रकार की होती है। जैसे कि-
किडनी की पथरी – किडनी में होने वाली पथरी का मुख्य कारण पानी की कमी होता है। जब हमारे पेट में पथरी या तो गुर्दे में या मूत्र मार्ग में होती है, तो उसे किडनी स्टोन कहा जाता है। किडनी में बनने वाला तो अलग-अलग पदार्थो से मिलकर बन सकता है। किडनी में पथरी कैल्शियम और ऐसे ही हार्ड मिनरल से मिलकर बन सकता है। जैसे कि कैलशियम फास्फेट ऑक्सलेट आदि।
जब हम पानी कम पीते हैं, और कैल्शियम फास्फेट वाली मिनरल्स को ज्यादा खाते हैं, तो यह हमारे शरीर में पूर्ण रुप से अवशोषित नहीं हो पाते। और ना ही शरीर से बाहर आ पाते हैं। जिस कारण से यह पदार्थ जमा होकर एक कठोर स्टोन का निर्माण कर लेते हैं। और समय के साथ साथ इस स्टोन पर कैल्शियम, फास्फेट की परत बनती रहती है, और यह बढ़ता रहता है। और फिर यह हमारे पेट में असहनीय दर्द करना शुरू कर देता है। यह कैल्शियम की पथरी होती है।
किडनी में पथरी यूरिक एसिड के कारण भी बन जाती है। जब हम पानी नहीं पीते। तो हमारे शरीर में उपस्थित यूरिक एसिड गाढ़ा होने लगता है, और जमने लगता है जिस कारण यूरिक एसिड में उपस्थित NH3 यानी कि अमोनिया पेशाब में मिले हानिकारक तत्वों के साथ संगठित होने लगता है, और स्टोन का निर्माण कर लेता है। जो आगे जाकर पथरी बन जाती है। पेशाब को देर तक रोके रखने से भी, यूरिक एसिड गाढ़ा हो सकता है, और पथरी बन जाती है।
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पित्ताशय की पथरी – पथरी का मुख्य कारण पानी की कमी ही होता है। जब हमारे शरीर में पथरी पित्ताशय में होती है, तो उसे पित्ताशय की पथरी कहते हैं। पित्ताशय में पथरी होने का कारण होता है – जब पित्त में कोलेस्ट्रोल, एंजाइम पूर्ण रूप से घुल नहीं पाते, तो यह इकट्ठा होकर कठोर पत्थर का रुप ले लेते हैं। और यह आगे जाकर पथरी बन जाता है। या फिर जब पित्त मे जादा मात्रा में बिलीरुबिन होता है, तो भी है पथरी बना सकता है।
डॉक्टर अभी तक पता नहीं कर पाए हैं कि, ऐसा क्यों होता है। लेकिन पित्ताशय में बनने वाली पथरी का मुख्य कारण अभी तक यही है। किडनी स्टोन आराम से घरेलू उपचारों से बिना ऑपरेशन के निकल सकता है। लेकिन पित्ताशय में होने वाली पथरी किडनी स्टोन की अपेक्षा निकलने में ज्यादा दिक्कत करती है। जब पित्ताशय में पथरी होती है तो, हमारी निचली पेट और कमर की तरफ दर्द होता है। पित्त की थैली की पथरी मे जादा चांसेस होते है की, पथरी का operation हो।
पथरी में किस प्रकार का भोजन करें –
दोस्तों, शरीर में पथरी होने के बाद जितनी जरूरत सही इलाज और दवाइयों की होती है, उतनी ही जरूरत सही भोजन की भी होती है। शरीर में कोई भी बीमारी होने के बाद सभी प्रकार का खाना नहीं खाया जा सकता। इसी प्रकार शरीर में पथरी होने के बाद आप सभी चीजों का सेवन नहीं कर सकते। कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें खाने से आपको बचना चाहिए। और साथ ही कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें आप को ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए। खाने पीने से जुड़ी कुछ बातों का आपको ध्यान देना चाहिए। जैसे-
क्या खाएं –
- दाल, और फलियाँ जैसे की मूंगफली, मटर, बीन्स आदि का सेवन करे।
- जादा से जादा पानी पियें।
- अखरोट, बादाम, काजू और बाकी सूखे मेवे का सेवन कर सकते है।
- सोयाबीन, सुरजमुखी के बीज़ों का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है।
- आप पथरी मे संतरा, अंगूर, नींबू जैसे रसीले फलो का सेवन कर सकते हो।
- पथरी मे केले का सेवन जरूर करे। व प्रोटीन और विटामिन B से भरपूर चीजो का सेवन करे।
- पथरी में दूध दही का सेवन कर सकते हैं। इसी आपको विटामिन बी की कमी पूरी होती है। और साथ ही साथ कैल्शियम भी मिलता है। किंतु दूध और दूध से बनी चीजों के सेवन से पहले का डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए। इनका सेवन ज्यादा भी न करें।
क्या न खाएं –
- पथरी मे मांस, मछली व इस भोजन का सेवन न करें, जिसे पचने में जादा समय लगता है।
- पथरी मे जितना हो सके मारकेट के भोजन से बचे।
- कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करे। जितना हो सके कोल्ड ड्रिंकस् पीने से बचे।
- स्ट्रॉबेरी, किश्मिश्, अंजीर और बाकी बीजो वाले फलो के सेवन से बचे।
- पथरी मे बीज वाली सब्जियां और फल का सेवन न करे।
खाने पीने से जुड़ी इन्हीं बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अगर आप खाने से जुड़ी इन सावधानियों का ध्यान रखेंगे तो, जल्दी आपको पथरी में फायदा देखने को मिलेगा।
पथरी को ठीक करने के घरेलू उपाय –
पत्थरचट्टा के सेवन से – पत्थरचट्टा एक औषधीय पौधा होता है। जो आजकल के समय में हर घर में आसानी से मिल जाता है। पथरी के मरीज पत्थरचट्टा की एक या दो पतियों के साथ, आधा चम्मच मिश्री मिलाकर इसे बारीक पीस लें। व, सुबह व शाम को खाने से पहले इसका सेवन करें। यह पथरी को तोड़ने में बहुत मददगार होता है।
गहत या कुलथ की दाल – पथरी के मरीजों को कुलथी की दाल का सेवन करना चाहिए। अगर पथरी छोटी हो तो गहत की दाल पथरी को गला देती है। और वह पेशाब के साथ बाहर आ जाती है।
नींबू का रस और जैतून का तेल – पथरी के मरीजों के लिए नींबू का रस और जैतून बहुत लाभदायक होता है। नींबू का रस पथरी को तोड़ने में मददगार होता है। और जैतून का तेल इसे बाहर निकालने का काम करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू निचोड़, और ऊपर से थोड़ा सा जैतून का तेल डाल दें इसे मिलाकर पिए। यह धीरे-धीरे आपके पेट की पथरी को दूर कर बाहर निकाल देगा।
सेब का सिरका – सेब के सिरके में उपस्थित सिट्रिक एसिड पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करता है। कई कैसेस में सेब के सिरके के कारण पथरी पूरी ठीक हुई है। सेब के सिरके को गुनगुने पानी में मिलाकर रोज एक बार लिया जाता है। गुनगुने पानी में दो छोटे चम्मच सेब का सिरका मिलाकर, इसे पिए। यह पथरी को तोड़ने का काम करेगा। ( नोट – सेब के सिरके का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। )
ज्यादा से ज्यादा पानी पिए – हमारे शरीर को पानी की ज्यादा से ज्यादा आवश्यकता होती है। क्योंकि हमारे शरीर में उपस्थित जो भी गंदगी होती है, जो भी हानिकारक चीजें होती है, वह पानी के साथ मिलकर मूत्र मार्ग से बाहर आती है। इसलिए, शरीर में उपस्थित जिंदगी को बाहर निकालने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। पथरी को शरीर से बाहर निकालने में पानी सहायक होता है। इसलिए पथरी के मरीजों को दिन में 4 लीटर तक पानी जरूर पीना चाहिए।
यह कुछ घरेलू नुस्खे हैं। जिनकी मदद से आप छोटी पथरी को आसानी से ठीक कर सकते हैं। इन नुस्खो को नियमित रूप से करने से आपको लाभ जरूर देखने को मिलेगा। लेकिन जब पथरी ज्यादा बड़ी हो जाती है, तो वह घरेलू नुस्खो से ठीक नहीं हो सकती। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन करने की नौबत आ जाती है। ऊपर दिए गए नुस्खो को करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
( नोट – 5 mm की पथरी में ऑपरेशन करने के चांस कम होते हैं। 5mm तक की पथरी घरेलू उपाय और दवाइयों की मदद से बाहर आ सकती है। लेकिन जब पथरी 6.5 mm से बड़ी हो तो इसका ऑपरेशन करना जरूरी हो जाता है। )
निष्कर्ष –
दोस्तों हमने अपनी इस पोस्ट में आपको “ Kidney Stone in Hindi “ से जुड़ी सारी जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। लेकिन फिर भी अगर आपके मन में पथरी से जुड़े कोई भी सवाल हो तो, आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपको जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो तो, पोस्ट को लाइक और शेयर जरूर करें।
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