नमस्कार दोस्तों आज में आपको 6 moral stories in hindi for class 5,7,8,9 के बारे में बताने जा रहा हु . इस कहानी को पढने के बाद आपको अंत में एक सिख भी मिलती है. ये कहानी बच्चो के लिए सबसे अच्छी है. ये कहानी आपको अपने बच्चो को जरुर सुनानी चाहिए . अगर आपको ये कहानी पढ़कर अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी share करे.
कहानियों के विषय में –
- छोटे बच्चों को कहानियाँ सुनना और पढ़ना बहुत अच्छा लगता है ।
- वे घर के लोगों से कहानियाँ सुनाने की हठ करते हैं ।
- ये moral stories in hindi for class 5,7,8,9 के लिए है
- बड़े – बुजुर्गों द्वारा कही गई कहानियाँ वे बहुत रुचि से सुनते हैं ।
- प्रत्येक कहानी के अंत में उसमें निहित संदेश भी दिया गया है , जो बच्चों के भावी जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा ।
Top Best 6 moral stories in hindi for class 5
1 . चंडूल और किसान
( moral stories in hindi for class 5 )
गेहूँ के एक खेत में चंडूल चिड़िया ने अपना घोंसला बनाया था । वह अपने बच्चों के साथ उस घोंसले में रहती थी । गेहूँ की फसल तैयार होने और कटने तक उनका घोंसला सुरक्षित था ।
एक दिन चंडूल ने अपने बच्चों से कहा , ” अब फसल तैयार हो गई है और कटने वाली है । इसलिए हमें कहीं और घोंसला बनाना चाहिए । ”
दूसरे दिन किसान खेत पर आया । उसने किसी से बातचीत करते हुए कहा . ” कल मैं अपने रिश्तेदारों को बुला कर फसल की कटाई करूँगा । ” किसान की यह बात चंडूल और उसके बच्चों ने सुनी ।
बच्चों ने कहा , “ माँ , जल्दी कर ! कल सूर्य निकलने से पहले हमें यह घोंसला छोड़ देना चाहिए । किसान कल फसल की कटाई करने वाला है । ”
माँ ने कहा , ” घबराने की जरूरत नहीं है । वह कल सवेरे फसल की कटाई शुरू कर ही नहीं सकता । ”
दूसरे दिन किसान खेत पर आया । उसका कोई भी रिश्तेदार कटाई में उसकी मदद करने नहीं पहुंचा था । इसलिए वह खाली हाथ वापस चला गया । जाते जाते उसने कहा , “ कल मैं अपने पड़ोसियों को बुलाऊँगा और फसल की कटाई जरूर करूँगा । “
चंडल के बच्चों ने फिर अपनी माँ से कहा , ” माँ , जल्दी कर ! अब हमें इस घोंसले को छोड़ देना चाहिए । ” पर माँ ने जवाब दिया , ” रुको , अभी घोंसला छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है । ‘
अगले दिन ठीक वही हआ , जैसा चंडूल चिड़िया ने सोचा था । किसान का कोई भी पड़ोसी उसकी मदद के लिए नहीं आया । मगर अबकी बार किसान ने कहा , “ दूसरों के भरोसे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा । कल मैं खुद इस फसल की कटाई करूँगा । ”
यह सुन कर चंडूल ने अपने बच्चों से कहा , “ अब हमें तुरंत इस घोंसले को छोड़ देना चाहिए , क्योंकि कल किसान जरूर फसल की कटाई करेगा । ”
2. चतुर ज्योतिषी
( moral stories in hindi for class 5 )
एक सम्राट था । एक बार उसने एक प्रसिद्ध ज्योतिषी को अपने बुलाया । ज्योतिषी अचूक भविष्यवाणी करने के लिए मशहर था । सम्राट ने बड़े सम्मान से उसका स्वागत किया और उसे ऊँचे आसन विठाया ।
फिर सम्राट ने उसे अपनी जन्म – कुंडली दी और कहा , ” पंडित जी का मेरी जन्म – कुंडली पढ़ कर मेरा भविष्य बताइए । ”
ज्योतिषी ने बड़ी सावधानी से सम्राट की जन्म कुंडली का अध्ययन किया फिर उसने कहा , ” महाराज , आपके ग्रह आपका जो भविष्य बता रहे हैं , वही मैं आपको बताऊँगा । मैं काल्पनिक कहानियाँ कभी नहीं कहता । ”
सम्राट ने कहा , ” मैं समझ गया कि आप क्या कहना चाहते हैं । आप निर्भीक हो कर मेरा भविष्य बताइए । ”
ज्योतिषी ने सम्राट के भविष्य की अच्छी – अच्छी बातें बताना शुरू किया । सम्राट का चेहरा आनंद से खिल गया । भविष्य के बारे में अच्छी – अच्छी बातें सुन कर उसे बहुत खुशी हुई । moral stories in hindi for class 5
फिर ज्योतिषी ने सम्राट के भविष्य की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की भविष्यवाणी करना शुरू किया । इन बातों को सुन कर सम्राट बहुत दुःखी हुआ । एक बार तो उसके मन को बहुत गहरी ठेस लगी । उसने क्रोध भरे स्वर में ज्योतिषी से कहा , ” बंद करो अपनी ये वाहियात बातें । अब मुझे सिर्फ यह बताओ कि तम्हारे ग्रहों की सूचना के अनुसार तुम्हारी मौत कब होने वाली है ? ”
चतुर ज्योतिषी सम्राट का आशय समझ गया । उसने जवाब दिया , “ महाराज , मेरी मृत्यु आपकी मृत्यु के एक दिन पहले होने वाली है । ”
सम्राट ज्योतिषी को मृत्युदंड देने वाला था । पर उसने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी सुन कर अपना इरादा बदल दिया । उसका गुस्सा शांत हो गया । सम्राट ने ज्योतिषी के बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर की बहुत सराहना की । उसने ज्योतिषी को मूल्यवान उपहार दिए और उसे सम्मानपूर्वक विदा किया ।
3 . राजा सोलोमन और शिबा की रानी
( moral stories in hindi for class 5,7,8,9 )
राजा सोलोमन अपनी बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध था । शिवा की रानी बुद्धि की परीक्षा लेना चाहती थी । एक दिन वह अपने दोनों हाथों में फूलों के दो हार ले कर राजा सोलोमन के दरबार में आई । दोनों हार देखने में एक जैसे थे । पर उनमें से एक हार असली फूलों का और दूसरा कागज के फूलों का था । उसने राजा से कहा , ” हे राजन , कृपया यह बताइए कि इन दोनों हारों में से कौन – सा हार असली फूलों का और कौन – सा नकली फूलों का है आपको सिंहासन पर बैठे – बैठे ही इसका निर्णय करना है । “
राजा ने दोनों हारों को ध्यान से देखा । दोनों एक जैसे दिखाई दे रहे । सिर्फ दूर से देख कर असली – नकली का निर्णय करना बहुत मुश्किल था । राजा सोच में पड़ गया । आखिर में उसे एक तरकीब सूझी । उसके राजमहल के एक ओर हरी – भरी फुलवारी थी । उसने अपने एक सेवक को आदेश दिया कि वह बगीचे की ओर वाली खिड़की खोल दे । सेवक ने खिड़की खोल दी । खिड़की खुलते ही बगीचे से कुछ मधुमक्खियाँ अंदर आईं । वे रानी के दाएँ हाथ के हार के आसपास मँडराने लगीं ।
यह देख कर राजा ने मुसकराते हुए कहा , “ रानी साहिबा , मेरे बगीचे की मधुमक्खियों ने मुझे आपके सवाल का जवाब दे दिया है । आपके दाहिने हाथ का हार असली फूलों से बना है । “
रानी ने आदरपूर्वक राजा का अभिवादन करते हुए कहा , ” राजन , आपने सही उत्तर दिया है । मेरे दाहिने हाथ का हार ही असली फूलों से बना है । आप सचमुच बहुत बुद्धिमान हैं ।
4 . गरीब आदमी और अमीर आदमी
( moral stories in hindi for class 5,7,8,9 )
एक गरीब मोची और एक धनी व्यापारी , दोनों पड़ोसी थे । मोची के में ही जूते – चप्पल सीने की छोटी – सी दुकान थी । काम करते – करते , अकसर मौज में आ कर गाने लगता था । वह बहुत निश्चित और मस्ती आदमी था । उसे कभी अपने घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद करने की जर महसूस नहीं हुई । वह रात को भगवान की प्रार्थना करता और मजे से सो जाता !
अमीर आदमी इस गरीब , पर हँसमुख मोची की ओर ईर्ष्या भरी नजरों से देखा करता । गरीब होने के बावजूद उस मोची को किसी बात की चिंता नहीं थी । जबकि अमीर आदमी को तरह – तरह की चिंताएं सताती रहती थीं । गाने गुनगुनाने की कौन कहे , वह कभी खुल कर हँस भी नहीं सकता था । उसे हमेशा अपनी तथा अपने धन की रक्षा की चिंता सताती रहती । रात को वह अपने मकान के सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर लेता था । फिर भी , उसे चैन की नींद नहीं आती थी !
एक दिन अमीर आदमी ने मोची को अपने घर बुलाया । उसने उसे पाँच हजार रुपये दिए और कहा , ” लो , ये पैसे रख लो । इन्हें अपने ही पैसे समझो इन पैसों को मुझे लौटाने की जरूरत नहीं है । ‘ ‘ गरीब आदमी ने पैसे ले लिये ।
इतने पैसे पा कर गरीब आदमी को पहले तो बहत खशी हई | पर जल्दा ही इन पैसों ने उसके शांतिपूर्ण और निश्चित जीवन में खलल पैदा कर दी । से पाने पर जीवन में पहली बार उसने अपने घर का दरवाजा और खिड़कियाँ बंद कर उनमें चटखनी लगाई । यह देखने के लिए कि पैसे सुरक्षित हैं या नहीं , रात को कई बार उसकी नींद टूटी ।
दसरे दिन बड़े सवेरे गरीब मोची , अपने धनी पड़ोसी के घर पहुँचा । उसने पाँच हजार रुपये उस व्यापारी को लौटाते हुए हाथ जोड़ कर कहा , “ सेठ जी , मेहरबानी करके आप अपना यह पैसा वापस ले लीजिए । इन पैसों ने तो एक ही रात में मेरी नींद हराम कर दी । मैं हँसना – गाना सब भूल गया ।
5 . शहर में कितने कौए ?
( moral stories in hindi for class 5,7,8,9 )
नादशाह अकबर अकसर अपने दरबारियों से अनोखे प्रश्न और तरह – तरह की पहेलियाँ पूछते रहते थे । इस तरह वे अपने दरबारियों की बुद्धि एवं हाजिरजवाबी की परीक्षा लेते रहते थे । एक बार उन्होंने अपने दरबारियों से एक विचित्र सवाल पूछा । प्रश्न था , ” इस शहर में कितने कौए हैं ? ” moral stories in hindi for class 5
उन्होंने एक – एक कर सभी दरबारियों पर नजर डाली । बारी – बारी से हर दरबारी खड़ा होता और जवाब न सूझने पर अपना सर झुका लेता । कोई भी दरबारी बादशाह के सवाल का जवाब नहीं दे सका ।
इतने में बीरबल ने दरबार में प्रवेश किया । वे सभी दरबारियों से ज्यादा बुद्धिमान थे । उन्होंने देखा कि सभी दरबारी सिर झुकाए खड़े हैं । वे फौरन समझ गए कि आज बादशाह ने दरबारियों के सामने जरूर कोई जटिल समस्या रखी है , जिसे कोई भी दरबारी हल नहीं कर सका है । moral stories in hindi for class 5
बीरबल ने शिष्टतापूर्वक बादशाह का अभिवादन किया और वे अपने आसन पर बैठ गए । बादशाह ने उनसे पूछा , ” बीरबल , तुम बताओ , इस शहर में कितने कौए हैं ? ” moral stories in hindi for class 5
हाजिरजवाब बीरबल फौरन खड़े हो गए । उन्होंने झट से जवाब दिया , हजूर , इस शहर में कुल पचास हजार तीन सौ अठहत्तर कौए हैं । “
” मगर , यह बात तुम इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकते हो , बीरबल ? ” बादशाह ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा ।
बीरबल ने जवाब दिया , ” हुजूर यदि आपको इसमें संदेह हो , तो गिनवा कर देख लीजिए । अगर वे पचास हजार तीन सौ अठहत्तर से ज्यादा हैं , तो इसका मतलब है कि कुछ कौए बाहर से अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने शहर आए हुए हैं । यदि वे इससे कम हैं , तो समझ लीजिए कि यहाँ के वे कौए अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने बाहर गए हुए हैं ।
” बादशाह बीरबल की हाजिरजवाबी से बहुत खुश हुए । उन्होंने कहा , ” शाबाश बीरबल , तुम सचमुच लाजवाब हो । “
6 . पिपहरीवाला और गाँव के लोग
( moral stories in hindi for class 5,7,8,9 )
एक गाँव में हजारों चूहे थे । गाँव में ऐसी कोई जगह नहीं की न हों । घर में , दुकान में , गोदाम में , खेतों में , हर जगह चूहे ही आते थे । ये चूहे ढेरों अनाज खा जाते थे । घर का सामान , कपडे का सब कुछ वे कुतर डालते । चूहों के कारण गाँव के लोगों को काफी नकसान पड़ता था । वे किसी भी कीमत पर इन चूहों से छुटकारा पाना चाहते थे । moral stories in hindi for class 5
एक दिन एक पिपहरीवाला उस गाँव में आया । उसने देखा कि गाँव लोग चूहों से त्रस्त हैं । अतः उसने गाँव के लोगों से कहा , ” मैं गाँव के सारे चूहों को खत्म कर दूंगा । पर इसके लिए तुम लोगों को मुझे पाँच हजार रुपये देने होंगे । “
गाँववालों ने पिपहरीवाले को पाँच हजार रुपये देना मंजूर कर लिया । पिपहरीवाला मधुर स्वर में अपनी पिपहरी बजाने लगा । पिपहरी की आवाज सुन कर सभी चूहे घरों , दुकानों , गोदामों तथा खेतों – खलिहानों से निकल कर दौड़ते हए रास्ते पर आ गए । वे पिपहरी की आवाज सुन कर नाचने लगे । पिपहरीवाला पिपहरी बजाते – बजाते नदी की ओर चल पड़ा । चूहे भी नाचते – नाचते उसके पीछे – पीछे चले । वह नदी के पानी में उतर गया । उसके पीछे – पीछे चूहे भी पानी | में कूद गए । इस तरह सारे चूहे पानी में डूब कर मर गए ।
इसके बाद पिपहरीवाला गाँव में लौटा । उसने गाँव के लोगों से अपने पाँच हजार रुपये माँगे । पर गाँववालों ने पैसे देने से इनकार कर दिया । moral stories in hindi for class 5
पिपहरीवाले ने कहा , “ तुम लोग बेईमान हो । अब मैं फिर से पिपहरी बजा | रहा हूँ । इस बार तुम लोगों को पाँच हजार के बजाय दस हजार रुपये देने पड़ेंगे । moral stories in hindi for class 5
उसने पहले से भी अधिक मधुर स्वर में पिपहरी बजानी शुरू । पिपहरी की आवाज सुन गाँव के सारे बच्चे रास्ते पर आ गए और मस्त हो कर नाचने लगे । पिपहरीवाला पिपहरी बजाता रहा और बच्चे मस्ती में नाचते रहे । बहुत देर तक यों ही चलता रहा । गाँव के लोग पिपहरीवाले को पिपहरी बजाने से रोक पाए और न ही अपने बच्चों को नाचने से ।
गांव के लोगों को लगा कि चहों की तरह उनके बच्चों के भी नाचते – नाचते प्राण निकल जाते उन्हें अब पिपहरीवाले को पैसे न देने का बड़ा पछतावा हुआ । moral stories in hindi for class 5
आखिरकार गाँव के लोगों ने पिपहरीवाले से विनती की , “ ये रहे तुम्हारे दस हजार रुपये । अपने पैसे लो और पिपहरी बजाना बंद करो । ”
पिपहरीवाले ने पिपहरी बजाना बंद कर दिया । पैसे अपनी जेब में डाल कर वह गाँव से चल पड़ा । पिपहरी की आवाज बंद होते ही बच्चों ने नाचना बंद कर दिया वे अपने – अपने घर लौट गए । गाँव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई । ‘
My Last Word
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