Computer Virus क्या है ( What Is computer Virus In Hindi ) :- एक बार फिर आपका स्वागत है आपके अपने ब्लॉग पर और आज हम आपको इस टेक्नोलॉजी, इंटरनेट बढ़ते क्रेज़ को देखते हुए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर आयें है जो आपके लिए बहुत useful होने वाली है। जी हां दोस्तो इस आर्टिकल में हम Virus के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Virus एक ऐसा नाम यदि आप फ़ोन, इंटरनेट या फिर किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का use करते है तो वायरस का नाम ज़रूर सुना होगा। बैसे तो आज वायरस एक ऐसा नाम बन चुका है जिसका नाम सुनते ही लोगों में एक डर सा पैदा हो जाता है। क्योंकि वायरस एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो किसी भी फोन, कंप्यूटर, आदि में अगर आ जाते है तो इससे कंप्यूटर, मोबाइल के खराब होने की शका बड़ जाती है। यही कारण है कि आज वायरस का नाम सुनते ही कंप्यूटर, और मोबाइल यूज़र डर जाते है।
यदि आप मोबाइल, कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है तो आपके साथ भी शायद वायरस जैसी समस्या से परेशान हुए होंगे। लेकिन अब वायरस कंप्यूटर या फिर मोबाइल से कैसे दूर करे यह शायद आपको नही पता है। लेकिन क्या आप वायरस के बारे में जानना चाहते है। यदि हां तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है। क्योंकि आज इस आर्टिकल में हम वायरस की पूरी जानकारी देने जा रहे है जैसे कि वायरस क्या है, यह कितने प्रकार के होते है, या फिर वायरस से कंप्यूटर को कैसे बचाये।
वायरस से जुड़ी इसी तरह की अन्य जानकारी जिसके बारे में हम आज इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे तो फ्रेंड्स यदि आप अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाना चाहते या फिर वायरस से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिये बहुत महत्वपूर्ण होने वाला बस आप इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक नीचे तक पड़ते जाए। computer Virus In Hindi
Computer Virus क्या है – computer virus in hindi
Virus full form in hindi पूरा नाम (Virtual Information Report Under Seize) होता है। यह एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते है जो कंप्यूटर में मौजूद इंफॉर्मशन को नष्ट करने के लिए, या फिर कंप्यूटर को खराब करने के लिए बनाये जाते है। यदि हम इसे सरल भाषा मे समझे तो जैसे की हमारे कंप्यूटर के कई तरह के सॉफ्टवेर डाउनलोड किये हुए होते है जिनका उपयोग हम अलग-अलग कार्य के लिए करते है। कुछ ऐसे सॉफ्टवेर भी हमारे कंप्यूटर में होते जो हमारे ऑपरेट करने पर ही चलते है, लेकिन कुछ ऐसे भी सॉफ्टवेयर होते है जिन्हें ऑपरेट करना नही पड़ता है और वो खुद चलते रहते है।
ऐसे ही हमारे कंप्यूटर में कभी-कभी ऐसे सॉफ्टवेयर आटोमैटिकली आ जाते है जिन्हें चालू करने की जरूरत नही होती है और यह हमारे कंप्यूटर में खुद चलते रहते है। जिन्हें हम वायरस कहते है। इसे एक उदाहरण के तौर पर भी समझ लेते है।
जैसे कि हमारे कंप्यूटर में एक वाच होती है जिसमे समय बताने की प्रोग्रामिंग की गई है। जो की जब हमारे कंप्यूटर खोलने पर हमे ही समय बताती है लेकिन वह चलती 24 घंटे है। लेकिन कंप्यूटर में चालू करने पर ही वह हमे समय बताती है और वह सिर्फ समय ही बता सकती है। इसी तरह से कुछ ऐसे प्रोग्राम डेवेलोप किये जाते है जो कंप्यूटर में खुद वा खुद एक फ़ाइल के रूप मे आ जाते है। जिनका काम कंप्यूटर की इंफॉर्मशन को नष्ट करना, कंप्यूटर के डेटा को एक जगह से दूसरी जगह भेज देना है इसी तरह की चीजें सॉफ्टवेयर में प्रोग्राम करके एक सॉफ्टवेयर बनाया जाता है जिसे हम वायरस नाम से जानते है।
अब मन मे सवाल आता है कि आख़िर कंप्यूटर को कैसे और क्यो बनाते है। तो हम आपको बता दे की जिन लोगो को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की अच्छी नॉलेज होती है, वही लोग पैसा कमाने के लिए वायरस जैसे सॉफ्टवेयर बनाते है। जिन्हें वह इंटरनेट के द्वारा लोगो के कंप्यूटर तक पहुंचाए जाते है, बता दे वायरस बड़ी तेजी से फैलते है यह एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में काफी आसानी से चले जाते है। जिनके बारे में डिवाइस यूजर को पता भी नही चलता है। वायरस तरह-तरह के होते है जो अलग-अलग तरह से कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाते हैं वायरस कितने तरह के होतें है इसके बारे में आप नीचे विस्तार से पढ़ सकते है-
computer वायरस के प्रकार – types of computer virus
Virus एक तरह का malware होता है। जो एक तरह का सॉफ्टवेर होता है जिसे दूसरे कंप्यूटर से डेटा चुराना, कंप्यूटर में सेव की गई आपकी महत्वपूर्ण जानकारी को हानि पहुंचाना जैसे आदि कार्य के लिए बनाया जाता है, आपको बता दे कि यह खुद नही बनते बल्कि यह किसी हैकर के द्वारा बनाये जाते है जिससे कि वह आपके कंप्यूटर की इनफार्मेशन को attract कर सके। यह ( types of virus in computer )कई प्रकार के होतें है जो अलग-अलग तरह से काम करते है जिनके बारे में आप नीचे पढ़ सकते है-
1. File Infectors – types of virus in computer
यह वायरस मुख्य रूप से ईमेल के जरिये कंप्यूटर में आ जाते है। यह वायरस प्रोग्राम के साथ-साथ लोड होने लगता है। यह personal information को नष्ट कर देता है। जो की कंप्यूटर बेहद घातक होता है।
2. Macro Viruses – types of virus in computer
इस तरह के वायरस को कुछ इस तरह की प्रोग्रामिंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिससे की यह अपने malicious कोड को सरलता से genius marco में जोड़ देता है। और यह मुख्य रूप से कंप्यूटर की उन फाइल्स को नुकसान पहुँचाता है जो फ़ाइल एप्लीकेशन या फिर प्रोग्राम से बनायी जाती है।
3. Overwrite Viruses – types of virus in computer
यह वायरस जब कंप्यूटर में प्रवेश कर लेता है तो यह कंप्यूटर की सभी फ़ाइल को बदल देता देता और डिलीट कर देता है। इस वायरस की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। यदि यह कंप्यूटर में आ जाते है तो फिर कंप्यूटर की फाइल को डिलीट करने पड़ जाता है।
4. Polymorphic Viruses – types of virus in computer
यह वायरस बड़े ही सेक्युर होते है मतलब की यदि यह हमारे कंप्यूटर में आ जाते है तो इन्हें पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है और जब कंप्यूटर में आ जाते है तो यह वायरस जितनी बार कंप्यूटर को इंफेस्ट करता है उतनी ही बार यह खुद को एन्क्रिप्ट कर लेता है। जो की कंप्यूटर के लिए बेहद खतरनाक होते है।
5. Resident Viruses – types of virus in computer
यह वह वायरस होते है जो कंप्यूटर में खुद इनस्टॉल हो जाते है। और यह सीधे आपके कंप्यूटर की मेमोरी से जुड़े होते है। और जब भी आप अपने कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के लिए कंप्यूटर को ON करते है तो वायरस उस समय खुली फ़ाइल को इंफेस्ट कर देता है। और यह आपके कंप्यूटर पर चल रहे काम मे बाधा डालते है।
6. Rootkit Viruses – types of virus in computer
इस तरह के सॉफ्टवेयर वायरस कंप्यूटर में घुस कर कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव, फ्लॉपी डिस्क को नष्ट कर देते है और इन्हें चलने से रोक देता है। Rootkit Viruses भी अन्य वायरस की तरह कंप्यूटर के लिए काफी खतरनाक होता है।
7. System या Boot-Record Infectors – types of virus in computer
यह वायरस का इस्तेमाल USB Flash Drive (पेन ड्राइव) के जरिये किया जाता है। कंप्यूटर चलने के दौरान यह काम नहीं करता, यह तब कंप्यूटर को इन्फेक्ट करता जब कंप्यूटर बूट मतलब ON करते हैं और इसका इस्तेमाल आज कल बहुत कम हो गया है।
कंप्यूटर में वायरस का पता कैसे लगाएं.? – Computer Virus in Hindi
वायरस क्या है इसके प्रकार आदि के बारे में हम जान ही चुके है लेकिन अब ये जानना बहुत जरूरी है कि आख़िर जब हमारे कंप्यूटर में वायरस है तो हम इसकी पहचान कैसे करे या फिर हमे कैसे पता चलेगा कि हमारे कंप्यूटर में वायरस है।
कंप्यूटर में वायरस है या नही इसका पता लगाना बेहद आसान है कंप्यूटर में वायरस होने पर कई ऐसी चीजें होंगी जो आपके कंप्यूटर में चलने में प्रॉब्लम करेंगी या फिर हमारा कंप्यूटर सही तरीके से काम नही करेगा जिनके बारे में आप नीचे पड़ सकते है और फिर आसानी से पता लगा सकते है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है या नही-
- यदि आपके कंप्यूटर धीरे-धीरे चल रहा है तो यह वायरस होने का संकेत हो सकता है।
- कंप्यूटर में वायरस आ जाने से कंप्यूटर अक्सर बीच -बीच खुद बन्द हो जाता है।
- कंप्यूटर में वायरस होने से कंप्यूटर में हैंग होने लगता है। और जब भी आप कोई कार्य करेंगे तो आपका कंप्यूटर सही ढंग से नही चलेगा।
- कंप्यूटर में कई ऐसे देखा जाता है कि हमारे बिना अनुमति के कंप्यूटर में कुछ ब्राउज़िंग फ़ाइल खुद खुल जाती है। तो यह वायरस होने का कारण हो सकता है।
- कम्प्यूटर्स की फाइल्स खुद बा खुद डिलीट होने लगती है और कभी कभी ऐसा भी होता है फाइल्स खुद बा खुद बनने लगती है और जब हम उन्हें डिलीट करते है तो डिलीट भी नहीं होती। तो ऐसे में आपके कंप्यूटर में वायरस हो सकता है।
नोट :- दोस्तों यदि ऊपर दिए गए पॉइंट में से कोई भी हरकत आपके कंप्यूटर में है तो आप समझ जाए कि आपके कंप्यूटर में वायरस घुस चुके है।
कंप्यूटर Viruses की हिस्ट्री – computer virus history in hindi,
- कंप्यूटर में automatically कंप्यूटर की information चुराने फिर कंप्यूटर में सेव डेटा को नष्ट करने वाले इस सॉफ्टवेयर का नाम 1983 मे Cohen’s Mentor Leonard Adleman ने वायरस रखा था। क्रीपर नामक सबसे पहला वायरस था जो 1970 में Arpanet में नेटवर्क पर फैला था।
- 1974 में वेबित नाम का वायरस आया था जो कि कंप्यूटर को पूरी तरह से डैमेज कर सकता था। यह वायरस उस समय काफी तेजी से फैलने वाला वायरस था।
- 1982 में 15 बर्ष के एक स्टूडेंट रिच स्केंटा ने पहला ELK Cloner नाम का वायरस लिखा था। यह वायरस फ्लॉपी ड्राइव को मॉनिटर करके स्प्रेड हो जाता था। और कंप्यूटर में घुस कर खुद की कुछ अन्य फ्लॉपी डिस्केट बनाता था। और जब यह एक बार फ्लॉपी को डिस्केट को इंफेस्ट कर देता था तो फिर यह डिस्क के माध्यम से कुछ ही समय मे कई कंप्यूटर पर फैल जाता था।
- रॉबर्ट मॉरिस ने सयुंक्त राज्य में 2 नवम्बर 1988 में एक सबसे काफी महत्वपूर्ण वायरस बनाया गया था। जो कि कंप्यूटर के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ था। जब इस वायरस को बनाया गया था तब लोगो को एहसास हो गया था कि कंप्यूटर एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर के लिए बेहद खतरनाक होता है।
इसके बाद कई वायरस को बनाया गया था जो कंप्यूटर में इन्सर्ट हो कर कंप्यूटर के लिए अनेक तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। वायरस का इतिहास काफी बड़ा है इसलिए उसे यहां बता पाना मुश्किल है। हमने आपको वायरस की शुरुआत कब हुई इसका इतिहास क्या है इसके बारे में थोड़ा बहुत बता दिया बाकी कब कब कौंन से वायरस आयें इसके बारे में आप नीचे पड़ेंगे।
आज तक के फेमस कंप्यूटर Viruses
जैसा की हम आपको ऊपर बता ही चुके है की वायरस कई तरह के होते है जो कंप्यूटर में घुस कर कंप्यूटर से निजी जानकारी को नष्ट कर देते है। और साथ कंप्यूटर को भी ख़राब कर देते है। जिन लोगो को प्रोग्रामिंग की अच्छी नॉलेज होती है वह लोग इस तरह सॉफ्टवेयर को डेवलप करते है जो सीधे कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाते है अब तक कई तरह के वायरस बनाये जा चुके है जिनमे से आज तक के सबसे फेमस और खतरनाक वायरस की लिस्ट आप नीचे देख सकते है-
- क्रिपर (1971)
- वेबित (1974)
- ब्रेन (1986)
- क्रिप्टो लाकर (1995)
- मेलिसा वायरस (1999)
- आई लव यू वायरस (2000)
- कोड रेड वायरस (2001)
- सस्सर वायरस (2004)
- मय डूम वायरस (2004)
- फ़्लैशबैक वायरस (2005)
- मेबरुट (2007)
- लीप वायरस (2006)
- कांफिकेर (2009)
- बैकअप (2014)
- केजरो (2010)
My Final Word
आज हमने अपनी इस पोस्ट Computer Virus क्या है ( What Is computer Virus In Hindi ), types of virus in computer और वायरस से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में जाना आशा करता हूँ कि आपको आज की हमारी पोस्ट useful रही होगी। Friends यदि आपको आज की हमारी इस पोस्ट में कुछ भी समझ नही आया हो या फिर वायरस से जुड़ी किसी अन्य जानकारी के बारे में जानना चाहते है तो हमे कमेंट करके पूछ सकते है। हमारी टीम बहुत जल्द आपके साथ जुड़कर आपकी पूरी सहायता करेगी। इसके साथ ही यदि आज की पोस्ट आपको उपयोगी रही हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे।
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