मूर्ख गधा – Panchatantra Best story in hindi

Rate this post
मूर्ख गधा - Panchatantra Best story in hindi
Panchatantra Best story in hindi

मूर्ख गधा – Panchatantra best story in hindi with moral

एक कुम्हार था । उसने एक कुत्ता और एक गधा पाल रखा था । कुम्हार के मकान के चारों ओर पत्थर की चहारदीवारी थी । कुत्ता रोज चहारदीवारी के अंदर उसके घर और मिट्टी के बरतनों की रखवाली करता । गधा अपने मालिक का वजनदार बोझ ढोने का काम करता । । Panchatantra Best story in hindi

गधा कुत्ते से ईष्या करता था । वह मन – ही – मन सोचता , ‘ कुते का जीवन कितने आराम का है ! केवल चहारदीवारी के भीतर इधर – उधर घूमना और किसी अजनबी को देख कर भौंकना ।

ऊपर से मालिक उसे प्यार से थपथपाता है । उसे अच्छा खाना खिलाता है । मैं दिन भर भारी बोझ ढोता फिरता हूँ । बदले में कुम्हार मुझे क्या देता है ? वह मेरी पीठ पर डंडे लगाता है और खाने के लिए बचा – खुचा घटिया खाना देता है । यह तो वास्तव में घोर अन्याय है । ‘

best Panchatantra Best story in hindi
Panchatantra story in hindi

कुछ दिन बाद गधे के मन में विचार आया , ‘ क्यों न मैं भी अपने मालिक को कुत्ते की तरह खुश करने की कोशिश करूँ ? मालिक घर लौटता है , तो कुत्ता उसे खुश करने के लिए कितने प्यार से भौंकता है ।

पूँछ हिलाते हुए उसके पास पहुँचता है । अपने अगले पैर उठा कर उसके शरीर पर रखता है । मुझे भी इसी तरह करना चाहिए । फिर मालिक मुझे भी प्यार करेगा. Panchatantra Best story in hindi

गधा मन – ही – मन सोच रहा था कि उसी समय उसने मालिक को आते हुए देखा । उसके स्वागत में गधा ढींचू – ढींचू करते हुए रेंकने लगा , खुशी से अपनी पूँछ हिलाने लगा ।

आगे बढ़ कर उसने अपने दोनों पाँव कुम्हार की जाँघों पर रख दिए । गधे की इस हरकत से कुम्हार हक्काबक्का रह गया । उसे लगा कि गधा पागल हो गया है । मूर्ख गधा – Panchatantra Best story in hindi

उसने एक मोटा – सा डंडा उठाया और गधे की खूब पिटाई की । बेचारे गधे ने अपने मालिक को खुश करने की कोशिश की थी , पर बदले में उसे डंडे खाने पड़े ।

[su_box title=”शिक्षा ( Moral Of Panchatantra story in hindi )” box_color=”#f06617″]

किसी से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए । मूर्ख गधा – Panchatantra Best story in hindi  [/su_box]

Read Moral Stories More :

Recommended Love Stories  :


होम पेजयहाँ क्लिक करें
Share on:
you may also like this!

You cannot copy content of this page