नाग और चींटियाँ – panchatantra short stories in hindi – 2022

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नाग और चींटियाँ - panchatantra short stories in hindi
panchatantra short stories in hindi

panchatantra short stories in hindi – नाग और चींटियाँ

panchatantra short stories in hindi : एक जंगल में एक नाग रहता था । वह रोज चिड़ियों के अंडों , छिपकलियों , चूहों , मेढकों , खरगोशों एवं छोटे-छोटे जानवरों को खाता रहता था । इस प्रकार छोटे – छोटे जीवों को खा कर वह दिन भर सुस्त पड़ा रहता ।

कुछ दिना में ही वह काफी लंबा और मोटा हो गया । उसका घमंड भी बहुत बढ़ गया । एक दिन नाग ने सोचा , ‘ मैं जंगल में सबसे ज्यादा शक्तिशाली हूँ । मैं जंगल का राजा हूँ । अब मुझे अपनी प्रतिष्ठा और आकार के अनुकूल किसी बड़े स्थान पर रहना चाहिए । ‘

यह सोच कर उसने अपने रहने के लिए एक विशाल पेड़ का चुनाव किया । पेड़ के पास चींटियों का एक बिल था । वहाँ ढेर सारे मिट्टी के छोटे – छोटे । कण जमा थे ।

नाग और चींटियाँ - panchatantra short stories in hindi with images
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नाग ने कहा , ” यह बवाल मुझे पसंद नहीं । यह गंदगी यहाँ नहीं रहनी चाहिए । ” वह गुस्से से बिल के पास गया और उसने चींटियों से कहा , ” मैं नागराज हूँ , इस जंगल का राजा ! मैं आदेश देता हूँ कि जल्द – से – जल्द इस कूड़े को यहाँ से हटाओ और चलती बनो ।

नागराज को देख कर अन्य जानवर थर – थर काँपने लगे । पर नन्हीं चींटिया पर उसकी धोस का काई असर नहीं पड़ा । अब नाग का गुस्सा बहुत बढ़ । गया । उसने अपना पूछ से बिल पर कोड़े की तरह जोर से प्रहार किया ।

इससे चीटियों को बहुत क्रोध आया । क्षण भर में हजारों चींटियाँ बिल से निकल कर बाहर आ गई । वे नाग के शरीर पर चढ़ कर उसे काटने लगीं । नागराज को लगा जैसे उसके शरीर में एक साथ हजारों काँटे चुभ रहे हों । वह असह्य वेदना से विह्वल हो उठा ।

असंख्य चींटियों से वह घिर गया था । उनसे छुटकारा पाने के लिए वह छटपटाने लगा । मगर इससे कोई फायदा नहीं हआ । कुछ देर तक वह इसी तरह संघर्ष करता रहा , पर बाद में अत्यधिक पीड़ा से उसकी जान निकल गयी । नाग और चींटियाँ – panchatantra short stories in hindi

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किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए , व्यर्थ के घमंड से विनाश हो जाता है ।   [/su_box]

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